हमाम में सब नंगे

AYUSH ANTIMA
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भारत का सिस्टम इतना जीर्ण शीर्ण अवस्था में है कि इसमें समग्र क्रांति के आगाज के साथ आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है। विदित हो चुनावों में भाजपा ने पेपर लीक मुद्दे को खूब भुनाया कि अशोक गहलोत सरकार युवा विरोधी सरकार है और उसी के बलबूते सरकार बनाने में भाजपा कामयाब हुई। कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर गंभीर आरोप लगाए लेकिन विधानसभा मे डोटासरा भाजपा सरकार को ताल ठोंक कर कहते नजर आते हैं कि दम है तो जांच करवाएं और उनको गिरफ्तार करे लेकिन प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर भाजपा शासन में भी घमासान मचा हुआ है। विदित हो आरएएस प्रतियोगी परीक्षा की तिथी आगे बढ़ाने को लेकर छात्र धरना दे रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता के अनुसार राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठोड़ ने छात्रों को आश्वस्त किया था कि उनकी मांगे मानी जाएगी। मदन राठोड़ के आश्वासन के बावजूद तिथी न बढने को लेकर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार कुछ बडे प्रशासनिक अधिकारियों ने इस परीक्षा के पेपर सेट पहले ही अपने चहेतो तक पहुंचा दिए हैं। यही कारण है कि न तो तिथी बदली जा रही है और न ही पेपर दोबारा सेट करने की कवायद हो रही है। उनका गंभीर आरोप है कि सरकार जन प्रतिनिधियों की नहीं सुनकर प्रशासनिक अधिकारियों के दबाव में काम कर रही है। विदित हो इस परीक्षा की तिथी बदलने को लेकर करीब 40 विधायक, 11 मंत्री व प्रदेश अध्यक्ष की अनुशंसा के बावजूद आरपीएससी विपरीत फैसला ले रहा है। उनके सोशल मिडिया पर की गई पोस्ट से स्पष्ट दिखाई देता है कि सरकार और संगठन में मतभेद हैं। सरकार में बैठे नेता संगठन की एक भी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर प्रदेश प्रवक्ता ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी डाक्टर राधा मोहन अग्रवाल को आगाह किया है कि शीर्ष नेतृत्व को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। अब यदि प्रदेश प्रवक्ता के इस सोशल मिडिया की पोस्ट का पोस्टमार्टम करे तो उन्होंने खुले मंच से आरोप लगाया है कि इस प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक हो चुका है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सार्वजनिक मंचों से अपनी सरकार की पीठ थपथपाते रहे हैं कि डबल इंजन सरकार में कोई भी पेपर लीक नहीं हुआ जबकि उनके प्रवक्ता खुलेआम आरोप लगा रहे हैं कि आरएएस प्रतियोगी परीक्षा के पेपर पहले ही बाजार में पहुंच चुके हैं। डबल इंजन सरकार जो भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की बात करती थी, उसकी कलई खुल गई है कि वह भी युवाओं के भविष्य को लेकर कितनी संवेदनशील है। यदि प्रदेश प्रवक्ता के आरोपो में दम है तो डबल इंजन सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है। यदि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता यह आरोप लगा रहे हैं तो यह जांच का विषय है और इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए क्योंकि आरोप कांग्रेस पार्टी की तरफ से नहीं आ रहे, खुद भाजपा के घर से ही डबल इंजन सरकार पर फायर हो रहे हैं। यदि यह प्रतियोगी परीक्षाओं की तिथी बढ भी जाती है तो इसकी विश्वसनीयता पर तो प्रश्न चिन्ह उठने लाजिमी है कि आखिर जब आगे परीक्षा होती है तो क्या वह निष्पक्ष हो पायेगी। भाजपा को कांग्रेस पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है लेकिन भारतीय राजनीति के लिए यही कहा जा सकता है कि हमाम में सब नंगे हैं।

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