कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): राजस्थान डिजिटल हैल्थ मिशन (आरडीएचएम) के अन्तर्गत यहॉ के राजकीय बीडीएम जिला चिकित्सालय में एबीडीएम कम्पलायंट ऐप आभा के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम की शुरुआत की गई है। पहले मरीजों को अस्पताल में लम्बी कतारों में लगकर ओपीडी पर्ची बनवानी पड़ती थी। लम्बी कतारों से राहत के लिए कोई भी मरीज़ एबीडीएम कम्प्लायंट ऐप (आभा) के माध्यम से अस्पताल का क्यूआर कोड स्कैन कर अपना ओपीडी टोकन जनरेट कर सकता है। टोकन नंबर के अनुसार रोगी पंजीकरण काउण्टर पर जा सकता है और डॉक्टर के परामर्श के लिए सीधे अपनी बाह्य रोगी (ओपीडी) पर्ची ले सकता है क्योंकि उनका विवरण पहले से ही पंजीकरण काउण्टर पर मौजूद है। इसलिए मरीज को अपना नाम, पता व अन्य विवरण दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं है। इसमें लगने वाला समय अब नहीं लगेगा और मरीज को कतार में ज्यादा समय तक खड़ा रहने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहल आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत की गई है। चिकित्सालय के समस्त रजिस्ट्रेशन काउण्टर पर ऑनलाईन पंजीकरण हेतु क्यूआर कोड लगा दिये गये है। सर्वप्रथम मरीज को अपने मोबाईल पर आभा ऐप डाउनलोड करना होगा। अस्पताल पहुंचते ही ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउण्टर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। स्कैन के बाद ऐप में अपनी प्रोफाईल साझा करनी होगी। इसके बाद टोकन नंबर प्राप्त होगा और टोकन नं. के द्वारा रजिस्ट्रेशन काउण्टर से अपनी ओपीडी पर्ची प्राप्त की जा सकेगी। यदि किसी भी व्यक्ति के मोबाईल में चिकित्सालय के क्यूआर कोड की फोटो उपलब्ध है तो वह घर बैठे आभा ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड फोटो को अपलोड करते हुए अपना अथवा परिजनों व अन्य किसी भी व्यक्ति का टोकन नं. जनरेट कर सकता है। जनरेट किया गया टोकन केवल 01 घंटे तक ही वैध रहेगा। इस 01 घंटे के समय के दौरान ही काउण्टर से ओपीडी पर्ची प्राप्त हो सकेगी, जिससे मरीज को समय की बचत होगी। इस हेतु चिकित्सालय मे 01 फास्ट ट्रैक रजिस्ट्रेशन काउण्टर भी बनाया गया है।
क्यूआर कोड स्कैनिंग सिस्टम की शुरुआत: मरीजों को अब अस्पताल में लम्बी कतारों में नहीं लगना पड़ेगा
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June 17, 2025
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