प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में अभूतपूर्व विकास की यात्रा तय की है। उनकी दूरदर्शीता, प्रतिबद्धता व चुनौतियों का सामना करना ही इस बात का घोतक है कि भारत विश्व पटल पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में 11 वर्षों के स्वर्णिम कार्यकाल का लेखा-जोखा इस बात से इंगित होता है कि जब मोदी ने देश की कमान संभाली थी तो आर्थिक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का 11वां स्थान था लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके सशक्त नेतृत्व ने भारत ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करते हुए विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। देखा जाए तो मोदी के प्रधानमंत्री कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि चुनौतियों का सामना करने का मादा रखते हैं। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को तत्कालीन सरकारों का हटाना तो दूर उस को हटाने की चर्चा से भी भागती थी। जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेताओं ने तो यहां तक धमकी दे दी थी कि यदि अनुच्छेद 370 हटा दिया गया तो जम्मू-कश्मीर में खून की नदियां बहेंगी लेकिन मोदी ने उन चेतावनियो को दरकिनार करते हुए अनुच्छेद 370 का खात्मा किया। तीन तलाक़ कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना, वक्फ बोर्ड सुधार कानून लागू करना मोदी की उस स्पष्टता का संकेत है कि वक्फ बोर्ड की आड़ में जो मठाधीश मजे कर रहे थे, उन पर नकेल कसी गई है। वक्फ बोर्ड सुधार कानून को लेकर मुसलमान खुश हैं क्योंकि मठाधीशों का एकाधिकार खत्म हो गया है। इसके साथ ही देश व विदेश में रहने वाले हर हर सनातनी के लिए गोरवान्वित होने वाला अभूतपूर्व निर्णय कि सनातनी के आराध्य देव मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मंदिर का भव्य निर्माण व रामलला की मूर्ति की सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर संतो के सानिध्य में प्राण प्रतिष्ठा करवाना। देश के बाहरी शक्तियों से मुकाबला करने में भी भारत सक्षम है और यह राजनितिक इच्छा शक्ति का ही परिणाम है कि आपरेशन सिंदूर के तहत पाक समर्थित आंतकवाद के अड्डों को नष्ट किया गया। अनुच्छेद 370 खत्म करना, वक्फ सुधार कानून, समान नागरिक संशोधन कानून व राम मंदिर का निर्माण व देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना आदि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त नेतृत्व ने यह साबित कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनौतियों का सामना करने का मादा रखते हैं।
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