रीसर्च मेथड्स एंड डेटा एनालिसिस यूज़िंग एसपीएसएस विषय पर पाँच दिवसीय एफडीपी का सफल आयोजन

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट एंड ग्रामोथान, जयपुर के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा “रीसर्च मेथड्स एंड डेटा एनालिसिस यूज़िंग एसपीएसएस” विषय पर 26 मई से 30 मई 2025 तक पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संकाय सदस्यों और शोधार्थियों की अनुसंधान क्षमता को सशक्त बनाना था। देश भर के विभिन्न संस्थानों से लगभग दो सौ प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 30 मई को आयोजित समापन सत्र का विषय एक गुणवत्तापूर्ण शोध पत्र लेखन था। मुख्य वक्ता डॉ.राजीव अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर ने इस विषय पर एक सारगर्भित और प्रेरणादायक व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रभावी शोध लेखन के प्रमुख तत्वों जैसे विषय चयन, शोध पत्र की संरचना, संदर्भ शैलियाँ, प्रकाशन नैतिकता तथा प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशन की रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। उनके व्याख्यान ने प्रतिभागियों को विचार से लेकर शोध पत्र की अंतिम प्रस्तुति तक की समग्र रूपरेखा प्रदान की। एफडीपी की शुरुआत 26 मई को डॉ.आर. सुंदरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, पीजी एंड रीसर्च डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, डीडीजीडी वैष्णव कॉलेज, चेन्नई के दो लगातार सत्रों के साथ हुई। उन्होंने डेटा मैनेजमेंट और हाई-क्वालिटी एकेडमिक रीसर्च के लिए स्ट्रॉन्ग कंसेप्चुअल बेस बनाने के प्रैक्टिकल इनसाइट्स दिए। 28 और 29 मई को तकनीकी सत्र डॉ.बृजेश अवस्थी, एसोसिएट प्रोफेसर, आईसीएफएआई, बिजनेस स्कूल, जयपुर द्वारा संचालित किए गए। उन्होंने एसपीएसएस सॉफ्टवेयर के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोरिलेशन विश्लेषण, लॉजिस्टिक रिग्रेशन और परिकल्पना परीक्षण जैसे विषयों पर व्याख्यान दिए। एसपीएसएस में अपने व्यावहारिक अनुभव के लिए प्रसिद्ध डॉ.अवस्थी ने लाइव डेटा सेट्स के माध्यम से डेमो प्रस्तुत किए, जिससे सत्र अत्यंत व्यावहारिक और संवादात्मक बने। कार्यक्रम का स्वागत भाषण डॉ.ओना लाडिवाल, विभागाध्यक्ष, प्रबंधन अध्ययन विभाग, एसकेआईटी द्वारा दिया गया। एफडीपी के विभिन्न दिनों में डॉ.सविता चौधरी और डॉ.मनीषा कौशिक, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएमएस-एसकेआईटी द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। एफडीपी का सुव्यवस्थित संचालन डॉ.अतुल गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर एवं कार्यक्रम संयोजक द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सह-समन्वयक डॉ.अजय वर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, और तरुण शर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर, डीएमएस-एसकेआईटी रहे। प्रतिभागियों ने सत्रों के दौरान प्राप्त ज्ञान के लिए सराहना व्यक्त की। यह एफडीपी एक प्रभावशाली शैक्षणिक पहल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई, जिसने शिक्षकों और शोधकर्ताओं को उन्नत अनुसंधान उपकरणों और कार्यप्रणालियों से सशक्त किया ताकि वे शैक्षणिक और अनुसंधान समुदाय में सार्थक योगदान दे सकें।

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