प्रवचनमाला वेद व्याख्यान व प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में उमड़े श्रद्धालु

AYUSH ANTIMA
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निवाई (लालचंद सैनी): विश्व मंगलम सेवा संस्थान के तत्वावधान में प्रवचनमाला वेद व्याख्यान व प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित किया गया। संस्थान के महामंत्री प्रदीप पारीक ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा की पूजा अर्चना करके किया गया। इसके बाद मानस मर्मज्ञ संत मदनमोहन महाराज का संत परम्परा के अनुसार अध्यक्ष लल्लूलाल गुप्ता, नवल किशोर पारीक, डॉ.एलडी शर्मा ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। प्रवचन माला की शुरुआत वेदपाठ से की गई। संत मदनमोहन महाराज ने कहा कि धर्म वहीन मानव पशु के समान। धर्म की पालना और रक्षा करना प्रत्येक मानव का दायित्व है। धर्म कोई जाति, पंथ व समाज नहीं है। धर्म का मतलब सेवा, सृजन, परोपकार आदि है। धर्म विशाल सागर के समान है। उन्होंने कहा कि सृजन के लिए पुरुषार्थ करना जरूरी है लेकिन नाश नैसर्गिक है। साधु कोई जाति या धर्म के नहीं है बल्कि साधु एक अवस्था है। बुद्धि में शुद्धि की आवश्यकता है। इसलिए शास्त्रों का अध्ययन, मनन और अनुसरण आवश्यक है। महाराज ने कहा कि इच्छा की पूर्ति होने पर सुख मिलता है और नहीं होने पर दु:ख होता है। इसलिए मानव की इच्छा की निवृत्ति आवश्यक है। चित्त की शुद्धि व अन्वेषण से मानव परमावस्था को प्राप्त कर सकता है। आज का व्यक्ति अच्छाई तो करता है लेकिन बुराई नहीं छोड़ता। हरिभजन के बिना भवसागर पार नहीं किया जा सकता है। महाराज ने कहा कि रावण सोने की लंका में रहकर भी खुश नहीं था। लेकिन भगवान शंकर श्मशान में रहकर भी अत्यंत खुश है। उन्होंने ने कहा कि उपासना करने से वासना की निवृत्ति हो जाती है। इसलिए मानव को सदैव वैदिक उपासना करनी चाहिए। इसके बाद महाराज ने उपस्थित लोगों के आधात्म, शास्त्रोक्त, वैज्ञानिक, साहित्यिक, सामाजिक, वर्तमान परिस्थितियों सहित विभिन्न प्रश्नों का जवाब देकर श्रद्धालुओं की जिज्ञासा शांत की। इसके बाद भजनामृत कार्यक्रम में गायक महेश दरगड़, रमेश सोनी और ममता चौधरी ने भजनों पर प्रस्तुतियां दी। तथा श्रद्धालुओं ने भजनों पर भाव विभोर होकर भक्ति नृत्य किया। इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को पंगत प्रसादी करवाई गई। इस दौरान दामोदरलाल पारीक, पुरुषोत्तम पारीक, रामगोपाल तमोलिया, नाथूलाल लाछड, रामप्रसाद पराणा, रामफूल शर्मा, रवि पारीक, रवि टोडवाल, दिलीप डासवाणी, विनोद तिवाड़ी, दीपक गुप्ता, जगमोहन गौत्तम, रघुनंदन शर्मा, कैलाश विजय, शशि टोडवाल, केदार खंडेलवाल, राजेश काचरिया, धीरज टोडवाल व शशि विजय सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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