झुंझुनूं जिले में भाजपा में मची आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई सड़कों पर आ गई है। भाजपा विधायक व भाजपा प्रत्याशी की पुरानी अदावत से शायद ही कोई अनभिज्ञ होगा। इन दोनों की लड़ाई में भाजपा संगठन में भी बिखराव देखने को मिला है। हालांकि भाजपा जिलाध्यक्ष अपने सरल व सौम्य स्वभाव के चलते भाजपा संगठन को एक सूत्र में रखा और उसी का परिणाम था कि झुंझुनूं में कमल खिला लेकिन संगठन में बैठे पदाधिकारियों की निजी महत्वाकांक्षा ने फिर एक बार इस बात पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया कि भाजपा में गुटबाजी चरम पर है। वैसै तो यह देखा जाता रहा है कि जब कोई मंत्री या संगठन के पदाधिकारी का झुंझुनूं दौरा होता है तो भाजपा के अलग अलग धड़े उनकी अगुवाई करते नजर आते हैं। इस बात को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठोड़ अपने झुंझुनूं के दौरै में नाराजगी जता चुके थे लेकिन इस नाराजगी पर इन स्थानीय नेताओं की महत्वाकांक्षा हावी है और उसी के चलते जयपुर में अलग अलग पावर सैंटर बना रखे हैं। भाजपा प्रत्याशी रहे बबलू चौधरी ने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस में अपने चिर परिचित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी विधायक राजेन्द्र भांबू पर परिवारवाद को लेकर ग़भीर आरोप लगाए। उनके आरोप सीधे सरकार को चुनौती देने वाले थे। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से ज्यादा राजनितिक गलियारों में इस बात की चर्चा ज्यादा थी कि संगठन के पदाधिकारी इस प्रेस कांफ्रेंस में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाकर सीधे विधायक के खिलाफ खड़े नजर आ रहे थे। दोनों पक्षों द्वारा आरोप प्रत्यारोप लगाए गये लेकिन यह जांच का विषय है और जांच होने पर ही कुछ कहा जा सकता है। भाजपा प्रदेश नेतृत्व को भी इस बात का संज्ञान लेना होगा कि आखिर संगठन के पदाधिकारी भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ खड़े क्यों नजर आये ? झुंझुनूं जिले में भाजपा को इसी गुटबाजी का खामियाजा भी विधानसभा चुनावों में भुगतना पड़ा था तत्पश्चात जो धड़ेबाजी की आग को उपचुनाव में दबाने में कामयाबी हासिल की थी, उसकी लपटे कल झुंझुनूं की सड़कों पर दिखाई दी।
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