कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर वरिष्ठ डेंटल सर्जन डॉ.अरविंद मित्तल ने तंबाकू के सेवन से जुड़े खतरों को उजागर करते हुए लोगों से इस आदत को छोडऩे का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तंबाकू सिर्फ आदत नहीं, आत्म विनाश की शुरुआत है। उन्होंने बताया कि दांतों में पीलापन, सांसों की बदबू, मसूड़ों से खून आना और मुँह का कैंसर ये सभी तंबाकू सेवन के सीधे परिणाम हैं। हर दिन मेरे पास ऐसे युवा आते हैं जिनकी मुस्कान तंबाकू निगल चुका है। कई मामलों में ऑपरेशन के बाद भी जीवन सामान्य नहीं हो पाता है। उन्होंने तंबाकू से होने वाले नुकसान के बारे में बताते हुये कहा कि दांत और मसूड़े खराब होना, मुँह, गले और फेफड़ों का कैंसर, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर, सांस की बीमारी और थकान, चेहरे की चमक और मुस्कान खत्म हो जाना, सामाजिक दूरी और आत्मग्लानि आदि तम्बाकू के नुकसान है। उन्होंने बताया कि तंबाकू छोडऩे का फैसला सबसे पहला कदम है। डॉक्टर या काउंसलर से परामर्श करें, पेशेवर सहायता जल्दी असर देती है। निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी च्युइंग गम, पैच आदि विकल्प उपलब्ध हैं। सहयोगी माहौल बनाएं - परिवार और दोस्तों का सहयोग बहुत जरूरी है। व्यायाम और ध्यान तंबाकू की तलब कम करने में मदद करता है। तंबाकू का सामना करने वाले लोगों से जुड़ें उनकी कहानी प्रेरणा देती है। डॉ.मित्तल ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि तंबाकू आपको धीरे-धीरे मिटाता है, और आप मुस्कुराते रहते हैं, ये सबसे बड़ा धोखा है। तंबाकू निषेध दिवस पर एक सही कदम उठाएँ। खुद के लिए अपने परिवार के लिए तंबाकू को हमेशा के लिए ‘ना’ कहें।" उन्होंने बताया कि तंबाकू छोडऩे के इच्छुक व्यक्तियों के लिए उनके क्लिनिक पर नि:शुल्क परामर्श सप्ताह चलाया जा रहा है, जहाँ उन्हें सही जानकारी और सहयोग मिलेगा।
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