कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहें "शुद्ध आहार मिलावट पर वार" अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बड़ी कार्यवाही की गई। सीएमएचओ डॉ.आशीष सिंह शेखावत ने बताया कि जिले में खाद्य पदार्थों में मिलावट के खिलाफ अभियान के तहत 27 फरवरी से 05 मई तक जिले के खाद्य सुरक्षा अधिकारी शशिकांत शर्मा व नेहा शर्मा द्वारा 108 एक्ट के नमूने एवं 178 सर्विलांस नमूने लिये गये है। जिनमें से 60 खाद्य पदार्थों की जाँच रिर्पोट प्रयोगशाला से प्राप्त हुई है। जिनमें से 22 नमूने जाँच में अवमानक एवं असुरक्षित पाये गये है। इन नमूनों में पनीर, घी, खोया, आइसक्रीम, ब्रवरेज, मिठाई, दूध से बने अन्य उत्पाद शामिल है। इन नमूनों की जाँच कर अब संबंधित प्रतिष्ठानों के खिलाफ कोर्ट में परिवाद प्रस्तुत किया जायेगा। जिसमें संबंधित के खिलाफ जुर्माने और सजा का प्रावधान है। जाँच रिपोर्ट के अनुसार जिले के कई मिठाई की दूकानों, किराणा स्टोर एवं मावा प्लांट से लिये गये कई नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे है। इनमें मैसर्स महादेव फैमली रेस्टोरेन्ट शाहंजहांपुर, मैसर्स बालाजी मिल्क फूड़ कोटपूतली, मैसर्स गुप्ता मिष्ठान भण्डार मांढ़ण, मैसर्स इन्द्रमाला बाबूलाल बानसूर, मैसर्स मनीष फूड्स सोतानाला, मैसर्स बीकानेर मिष्ठान भण्डार पावटा, मैसर्स जोधपुर स्वीट्स होम बहरोड़, मैसर्स हिमांशु मावा एवं मिष्ठान भण्डार प्रागपुरा, मैसर्स श्री श्याम सरस एजेंसी बहरोड़, मैसर्स फाइन ड़ाइन हॉसपिलिटि कोटपूतली, मैसर्स कांता स्वीट्स नीमराणा, मैसर्स तिरूपति होटल एण्ड रेस्टोरेन्ट कोटपूतली, मैसर्स प्रिंस मावा पनीर भण्डार बानसूर, मैसर्स बालाजी मेगा मार्ट पावटा, मैसर्स स्वामी सरस एजेंसी पावटा, मैसर्स जवाहर मेगा मार्ट पावटा, मैसर्स अवाना मिष्ठान भण्डार बानसूर, मैसर्स श्री बालाजी मिष्ठान भण्डार हमीरपूर, मैसर्स वासुदेव डेयरी नांगड़ीवास जैसे प्रतिष्ठानों के नमूने जाँच में अवमानक एवं असुरक्षित पाये गये है। साथ ही मण्ढ़ा के हिमांशु मावा स्टोर से करीब 715 किलो मिलावटी मावा, 175 किलो मिल्क पाउडर एवं 30 किलो वनस्पति, साथ ही नांगड़ीवास में वासुदेव डेयरी एवं काव्या दूध डेयरी से 1100 लीटर मिलावटी दूध, 65 किलो मिल्क पाउडर, 40 किलो वनस्पति एवं 10 किलो सिंथेटीक पेस्ट कार्यवाही के दौरान नष्ट करवाया गया था। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत अवमानक पाये गये प्रकरणों में 05 लाख तक का जुर्माना तथा असुरक्षित पाये गये प्रकरणों में न्यायालय द्वारा 6 माह से 3 वर्ष तक की सजा व 05 लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
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