स्वामी केशवानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट एंड ग्रामोत्थान, जयपुर में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "एडवांसमेंट इन नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी-2025" का आयोजन

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): स्वामी केशवानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट एंड ग्रामोत्थान, जयपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "एडवांसमेंट इन नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी 2025" का हाइब्रिड माध्यम में आयोजन किया गया।  जिसमें देश-विदेश से प्रोफेसरों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र का शुभारंभ संस्थान के अकादमिक निदेशक प्रो.एसएल सुराणा के स्वागत संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने नैनो टेक्नोलॉजी और वायरलेस कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के आपसी संबंधों पर प्रकाश डालते हुए इसे आगामी औद्योगिक क्रांति का आधार बताया। कांफ्रेंस के अध्यक्ष प्रो.प्रवीण कुमार जैन ने सम्मेलन की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह ANCT कांफ्रेंस श्रृंखला की पाँचवीं कांफ्रेंस है, जिसमें इस बार 90 से अधिक शोध पत्रों में से 35 को चयनित किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत कैसे सेमी कंडक्टर मिशन (ISM) के माध्यम से वैश्विक मंच पर एक अग्रणी भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.प्रीतम कुमार, प्रोफेसर, IIT पटना ने बताया कि ऐसे सम्मेलन छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए करंट स्टेट-ऑफ-द-आर्ट टेक्नोलॉजी समझने का एक सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने बताया कि हर पाँच वर्षों में डाटा रेट 10 गुना बढ़ रहा है और तकनीक अब केवल आकार नहीं, बल्कि स्मार्टनेस से परिभाषित हो रही है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ.देबव्रत सिकदर, एसोसिएट प्रोफेसर, IIT गुवाहाटी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का युग ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ टेक्नोलॉजी का है। नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से डिवाइसेज़ और भी छोटे, तेज़ और ऊर्जा कुशल हो रहे हैं। उन्होंने 5G, 6G और उससे आगे की तकनीकों के संभावित योगदान पर भी चर्चा की तथा इंटरडिसिप्लिनरी कोलैबोरेशन की महत्ता को रेखांकित किया।
स्पेन के यूनिवर्सिटी रेमन ल्युल, बार्सिलोना से विशिष्ट अतिथि डॉ.जाउमे एंगुएरा ने अपने अनुभव साझा करते हुए इंडस्ट्री-एकेडेमिया कोलैबोरेशन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को उद्धृत करते हुए प्रतिभागियों को प्रेरित किया – “जीवन की कठिनाइयाँ आपको नष्ट करने के लिए नहीं होतीं, बल्कि यह जताने के लिए होती हैं कि आपके भीतर उन्हें सामना करने की अद्भुत क्षमता है।" उद्घाटन सत्र के अंत में सम्मेलन के संयोजक में डॉ.पल्लव रावल ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद सबने समय निकाल कर सम्मेलन को सफल बनाया। आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो.मुकेश अरोड़ा और प्रो.प्रवीण कुमार जैन रहे। संयोजक डॉ.मोनिका माथुर, डॉ.पल्लव रावल तथा समन्वयक् डॉ.शुभी जैन, हर्षल निगम, राहुल पांडे तथा मिस ग्लोरिआ जोसेफ रहे।

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