बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आईसीडीएस कार्यशाला का आयोजन

AYUSH ANTIMA
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बीकानेर (श्रीराम इंदौरिया): बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव शोभासर और रावतसर कुम्हारन बड़ी ढाणी मे चतुर्थ चरण के तहत आईसीडीएस कार्यशाला का आयोजन किया गया। बीटीयू के 
जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि कार्यक्रम की संयोजक डॉ.अनु शर्मा एवं डॉ.प्रीति पारीक ने एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) की विभिन्न योजनाओं और ग्रामीण महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़े विभिन्न विषयों पर जानकारिया प्रदान की। कुलपति प्रो.अजय कुमार शर्मा ने अपने सन्देश मे कहा कि एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) एक अद्वितीय प्रारंभिक बचपन का विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य कुपोषण, स्वास्थ्य और युवा बच्चों, गर्भवती और नर्सिंग माताओं की विकास आवश्यकताओं को संबोधित करना है। 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करना; बच्चे के उचित मनोवैज्ञानिक-शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए नींव रखना; मृत्यु दर, रुग्णता, कुपोषण और स्कूल छोड़ने की घटनाओं को कम करने के लिए; बाल विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विभागों के बीच नीति और कार्यान्वयन का प्रभावी समन्वय प्राप्त करना; और उचित पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से बच्चे के सामान्य स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जरूरतों की देखभाल करने के लिए माताओं की क्षमता को बढ़ाना है। डीन अकादमिक डॉ.यदुनाथ सिंह ने कहा कि आईसीडीएस महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे वर्ष 1975 में लॉन्च किया गया था।जिसका उद्देश्य 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाना है। संयोजक डॉ.अनु शर्मा एवं डॉ.प्रीति पारीक ने गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार फल व सब्जी समय पर दवाई लेने का महत्व बताया गया और कहा गया कि जो बच्चे पांच वर्ष से छोटे हैं, उनका समय पर टीकाकरण कराना अति आवश्यक है क्योंकि यह अगली पीढ़ी ही पीढ़ी के हाथ पर भारत का भविष्य है। यह अगर स्वस्थ रहते हैं तो भारत फलेगा फूलेगा और खुशहाल बनेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता से महिलाओं को प्रोत्साहित किया गया। उन्होंने बताया कि यह कुछ सेवाओं का पैकेज प्रदान करता है, जैसे: पूरक पोषाहार, प्री-स्कूल गैर-औपचारिक शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं, साथ ही यह बताया कि यदि हम अपनी जिम्मेदारियों को समझे तो देश सुदृढ बन सकता है।

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