दिल्ली (श्रीराम इंदौरिया): मैत्रेयी महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा समर्थ इकाई एवं क्योर इंडिया के सहयोग से तथा रोटरी क्लब, दिल्ली सफदरजंग के प्रायोजन में एक हृदयस्पर्शी एवं प्रेरणादायक उत्सव ‘अस्तित्व’ का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समावेशिता, कला तथा सुलभता की भावना को समर्पित था। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं से आए 50 से अधिक दिव्यांग बालकों तथा मैत्रेयी महाविद्यालय की 300 से अधिक छात्राओं की सक्रिय सहभागिता ने उत्सव को जीवंत एवं सार्थक बनाया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा डॉ.मैथ्यू वर्गीज़ द्वारा आरंभ की गई एक्सी प्रौद्योगिकी का उद्घाटन, जो विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए कला को सुलभ बनाने हेतु विकसित की गई है। इस अभिनव तकनीक का निर्माण एनएसएस मैत्रेयी की छात्राओं, क्योर इंडिया के एंड्रयू एवं दृष्टिबाधिता से जूझती हुई विदुषी डॉ.स्मृति सिंह के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी सांस्कृतिक कला संस्थान से प्रो.अनिल कुमार, डॉ.मैथ्यू वर्गीज़, अनेक प्रतिष्ठित रोटेरियन गण एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक श्रवण ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरव प्रदान किया। प्राचार्या डॉ.हरितमा चोपड़ा ने भी सभी सहभागियों को संबोधित करते हुए इस उत्कृष्ट पहल की सराहना की एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। अस्तित्व की विशेषता इसकी समावेशी भावना रही, जहाँ विविध संस्थानों और सामाजिक पृष्ठभूमियों से आए विद्यार्थियों ने एकत्र होकर सहभागिता की मिसाल प्रस्तुत की। यह उत्सव विविधता में एकता का जीवंत प्रतीक बना। कार्यक्रम की मीडिया समन्वयक डॉ.बबिता चौधरी ने कहा, “अस्तित्व मात्र एक उत्सव नहीं, बल्कि यह आत्म-परिचय, सृजनात्मक अभिव्यक्ति और मानवीय एकात्मता का पर्व था। इसने राष्ट्रीय सेवा योजना के आदर्श वाक्य ‘मैं नहीं, तू’ को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। जब संवेदना और नवाचार के साथ समाज एकजुट होता है, तब न केवल बाधाएँ हटती हैं, बल्कि स्थायी परिवर्तन की आधारशिला भी रखी जाती है।” अस्तित्व निःसंदेह एक ऐसे समावेशी भविष्य की ओर संकेत करता है, जहाँ सभी के लिए अवसर, सम्मान एवं सौहार्द सुनिश्चित हो।
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