श्रीडूंगरगढ़/बीकानेर (तोलाराम मारू): योग करके सहज रूप से निरोग रहा जा सकता है। प्रारम्भ में योगाचार्य ढाकारामजी की योगपरक उपलब्धियों के सम्बन्ध में डॉ.चेतन स्वामी ने कहा कि वे अब तक 25 लाख लोगों को सरल योगासनों के माध्यम से ठीक कर चुके हैं। ये विगत 31 वर्षों से योग शिक्षण कर रहे हैं। थेरेपेटिक योगा से इन्होने तीव्र और जीर्ण रोगों का उपचार किया है, जगह-जगह आनंदम् शिविरों के माध्यम से आनंदमय जीवन जीने की शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
योगासन कराने से पूर्व उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए ढाकारामजी ने कहा कि योग की प्रथम धारणा यह है कि वह व्यक्ति को स्वयं को देखना सिखाए। सुख और शांति के साथ आनंदमय जीवन को जीना जीवन का चरम लक्ष्य बताते हुए कहा कि अकारण प्रसन्न रहना सीखें, हमारा कोई भी शत्रु नहीं है तथा न ही दूसरे व्यक्ति से हमारी कोई स्पर्धा ही है। प्रत्येक कार्य बहुत तसल्ली, रुचि, शांति और आनंद के साथ करें, कुशलता बढ़ जाएगी। कार्यक्रम में युवा संत संतोष सागर, योग गुरु ओम प्रकाश कालवा, उद्योगपति भीखमचंद पुगलिया, सत्यनारायण योगी, हरिराम सारण, जिज्ञासु सिद्ध, शुभकरण पारीक तथा स्कूल के सभी अध्यापकों सहित सैकड़ों स्त्री-पुरुषों ने हिस्सा लिया।
स्कूल प्राचार्य रजनीश कौशिक ने कहा कि हम दैनन्दिनी जीवन में योग के लाभों को जानते हुए भी इनका प्रयोग नहीं कर रहे हैं। योग को जीवनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए।