अलवर (मनीष अरोडा़): भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने अपने ऊपर कांग्रेस के द्वारा लगाया गये आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया और कहा कि उन्होंने कांग्रेस की राम विरोधी नीतियों के खिलाफ अपना बयान दिया था ना कि किसी जाति विशेष के लिए। उन्होंने कहा की अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समय कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने बाकायदा राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए थे, जिसमें कि उन्होंने कहा था कि रामसेतु का अस्तित्व नहीं है, इसके और बाकायदा कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राम के अस्तित्व होने पर सवाल उठाए थे, जिसके चलते उनकी राम विरोधी नीतियों के खिलाफ मैंने अपना बयान दिया था। आहूजा ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जब-जब मेवात में दलितों पर अत्याचार हुए हैं, वहां पर कोई कांग्रेस नेता कभी भी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा। आहूजा ने कहा कि जब भी दलित समाज को किसी तरह की कोई भी परेशानी होती है, वह हमेशा साथ खड़े रहते हैं और हमेशा दलित के लिए आवाज उठाते रहे है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा स्थापना दिवस पर किसी व्यक्ति विशेष पर टिप्पणी नहीं की बल्कि उन्होंने कांग्रेस की राम विरोधी और सनातन विरोधी नीतियों के खिलाफ उनके मंदिर में आने पर आपत्ति जताई थी।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली किसी जाति विशेष के नेता नहीं है, वह नेता प्रतिपक्ष है तो वह सभी जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के लिए उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के मित्र हैं तो वह भी कांग्रेस की राम विरोधी नीतियों का हिस्सा है, उन्हें भी राम मंदिर में बुलाना उचित नहीं था। आहूजा ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि टीकाराम जूली के जन्मदिन पर उन्होंने से घर जाकर उन्हें साफा और माला पहनाकर बधाई दी थी। वह टीकाराम जूली का सम्मान करते हैं, जाति विशेष के लिए उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की बल्कि उन्होंने कांग्रेस की सनातन विरोधी मानसिकता को लेकर अपना बयान दिया था।