पिलानी विधानसभा खासकर पिलानी में पीने के पानी के संकट से शायद ही कोई अनभिज्ञ होगा लेकिन यहां के स्थानीय नेता इस पर जमकर राजनीति कर रहे हैं। आज भाजपा जिला महामंत्री, पिलानी विधायक व चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान के बयानों की बाढ़ आई हुई है कि पिलानी विधानसभा के इतिहास में उनके प्रयासों से जो नलकूप स्वीकृत हुए हैं, आज तक नहीं हुए। सबसे पहले तो पत्रकारिता पर प्रश्न चिन्ह खड़े होते, जो तीनों को अपने पोर्टल के जरिए महिमा मंडित कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि जब विधायक कोटे से यह नलकूप स्वीकृत हुए हैं तो भाजपा महामंत्री इसको लेकर वाहवाही क्यों लूट रहे हैं। इस मामले को लेकर पिलानी विधायक से दूरभाष पर बात होने पर उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में झुन्झुनू जिले के सातों विधायकों की पानी की समस्या से निजात दिलाने को लेकर बैठक हुई थी। उसमे विधायकों से जल आपूर्ति की समस्या को लेकर खराब नलकूपों व नये नलकूपों के प्रस्ताव मांगे गये थे। विधायक पितराम सिंह काला के अनुसार झुन्झुनू जिले की सातों विधानसभा में पानी की समस्या को देखते हुए विधायक कोटे से वितिय स्वीकृति मिली, उसमे पिलानी विधानसभा को विधायक कोटे से 5 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए। उनके अनुसार इसमें से 70 प्रतिशत ही पानी के उपलब्धता पर खर्च किये जा सकते हैं। उसी के अनुसार जहां पीने के पानी की किल्लत ज्यादा थी, वहां के खराब पड़े नलकूपों व नये नलकूपों की स्वीकृति विधायक कोटे से मिली है। विदित हो आयुष अंतिमा (हिन्दी समाचार पत्र) ने सटीक, पारदर्शिता पूर्ण व तथ्यात्मक पत्रकारिता की है। उसी के अनुसार पिलानी विधानसभा के आवाम की अदालत में सच्चाई लाना ही उसका उद्देश्य रहा है कि इन नलकूपों की स्वीकृति को लेकर झूठी वाहवाही कौन लूट रहा है। इसको लेकर जनता की अदालत में सच से रूबरू करवाने की कोशिश है कि आखिर DMFT क्या है, जो जनहित के कामों को लेकर फंड जारी करता है। डिस्ट्रीक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT), जो माइनिंग ओपरेशन से प्रभावित इलाकों में जनहित के मध्य नजर फंड जारी करता है। इसके पदेन अध्यक्ष जिला कलेक्टर होते हैं। जो नलकूप स्वीकृत हुए हैं, वह पंचायत समिति के बीडीओ द्वारा भेजे गये है। जो लिस्ट सोशल मिडिया पर घूम रही है, उससे कही भी स्पष्ट नहीं होता कि यह विधायक कोटे से स्वीकृत हुए हैं, जैसा कि विधायक पितराम सिंह काला दावा कर रहे हैं। इससे विधायक पितराम काला के दावे की हवा निकलती नजर आ रही है। इसमें जिला महामंत्री भाजपा का दावा जरूर कुछ दम रखने वाला है क्योंकि सरकार भाजपा की है और बीडीओ सरकार का अधीनस्थ अधिकारी होता है लेकिन पंचायत समिति चिड़ावा प्रधान के दावे ने फिर भाजपा में धड़ेबाजी को हवा दे दी है। विदित हो चिड़ावा पंचायत समिति प्रधान बहुत ही नाटकीय प्रकरण से भाजपा की झोली में आया था। उनकी ताजपोशी के अवसर पर झुन्झुनू के भाजपा विधायक राजेन्द्र भांभू मौजूद थे। वहीं जिला महामंत्री व प्रधान की अदावत के चलते प्रधान ने भी दावा ठोक दिया कि नलकूपों की स्वीकृति उन्हीं के प्रयासों का परिणाम है लेकिन इसमें जिला कलेक्टर ही सर्वोपरि होते हैं और जनता की डिमांड पर या उनके पास पीने के पानी को लेकर हो रही दिक्कतों की शिकायत पर खुद नलकूप स्वीकृत कर सकते हैं।
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