होली रंग रंगीली

AYUSH ANTIMA
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रंग बरसे कब आओगे सनम, तुम बिन ना भाये होली। सजन कहां चले गये तुम फागुन भी बीत चला है। तरसन लागी अब अखियाॅॅं, फीका-फीका लागे गुलाल। सूना सूना सा लगे संसार, आके कर जाओ मेरी भी होली रंग रंगीली।।
 ना आंखों में चैन, ना दिल में करार। मन हुआ जाए बेकरार। बैठी हूं कब से रंग सजाए, अब तो सजन लौट आओ, रंगों से करदो मोहे सराबोर। हो जाए मोरी भी होली रंग रंगीली।

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