जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर चलाए जा रहे जनजागरूकता अभियान के तहत रविवार को राजस्थान के सोशल मीडिया एक्टिविस्ट, मीडिया इन्फ्लूएंसर, एनजीओ व नेशनल खिलाडियों की राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन मानसरोवर में किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि देश में स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सभी चुनाव एक साथ एक समय पर करवाना जरूरी है। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने वन नेशन वन इलेक्शन के लाभ गिनाते हुए कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों के कारण आचार संहिता और अन्य बाधाएं होती है। इसके कारण धन का अपव्यय होता है व प्रशासन भी ठप हो जाता है। इससे आमजन के जनहितार्थ कार्य भी नहीं हो पाते और लोगों को परेशानी का सामना करना पडता है। देश की प्रगति के लिए यह आवश्यक है कि सर्व सम्मति से यह संविधान संशोधन विधेयक पारित हो। वन नेशन वन इलेक्शन कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक सुनील भार्गव ने कहा कि एक समय पर चुनाव को लेकर 45 लाख करोड रूपए की बचत होगी, जिससे देश की जीडीपी 1.5 फीसदी बढेगी। देश में इस समय जितना बजट चुनावों पर खर्च होता है, अगर वह बच जाए तो कई राज्यों का वार्षिक बजट दुगुना हो सकता है। उन्होंने कहा कि कि 1983 में इलेक्शन कमीशन व 1999 में लॉ कमीशन ने और 2024 में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने देश में सभी चुनाव एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है। एक साथ चुनाव वर्ष 34 में होंगे, इसमें यह साफ है कि यह राष्ट्रहित का मुद्दा है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर विपक्ष के लोगों की बयानबाजी शुरू हो गई है। देश में एक मतदाता सूची लोकतंत्र को सरल बनाएगी और इसके कारण कई सारे खर्च भी बच जाएंगे। विपक्ष के नेताओं के कोई मुद्दा नहीं बचा इसलिए अब उन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। उन्होंने विपक्ष के इन आरोपों को खारिज किया कि पीएम नरेन्द्र मोदी जल्दबाजी में यह विधेयक पारित करवाकर तानाशाह बनना चाहते हैं।
वहीं कार्यशाला में राज्यभर से आए 160 सोशल मीडिया एक्टिविस्ट, मीडिया इन्फ्लुएंसर, एनजीओ तथा नेशनल खिलाडी शामिल हुए।