कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): संयुक्त किसान मोर्चा जिला शाखा कोटपूतली-बहरोड़ द्वारा किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम शुक्रवार को एडीएम ओमप्रकाश सहारण को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में अमेरिका और अन्य देशों के साथ कृषि में मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता को रोकने, एनपीएफएएम को खारिज करने, सभी फसलों के लिए सी-2+50 फीसदी पर एमएसपी घोषित करने, किसानों और मजदूरों का संपूर्ण कर्ज माफ करने और कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दरों में वृद्धि को रोकने की मांग की गई है। किसानों ने बताया कि केंद्र सरकार ने 09 दिसंबर 2021 को किसानों से किए गए अपने लिखित वादों को जिद्दी रूप से ठुकरा दिया है। जिसमें कई लंबित मांगों के समाधान के लिए एक समिति के गठन का आश्वासन दिया गया था। यह मांगें पुन: जिला कलेक्टर के समक्ष रखी गई हैं। ज्ञापन में किसानों ने पुरजोर मांग की है कि भारत के अरबों किसानों, जिनमें से 87 फीसदी छोटे और सीमांत किसान हैं और जो कृषि पर किसी तरह निर्भर हैं के हितों के विरुद्ध जाकर केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति ढ़ांचे (एनपीएफएएम) को लागू करने का प्रस्ताव भेजा है। यह नीति कृषि बाजारों को पूरी तरह से बड़े कॉरपोरेट घरानों के हवाले कर देगी। जिससे सरकार किसानों के लिए सभी समर्थन और सब्सिडी समाप्त कर देगी तथा खाद्य सुरक्षा को भी खतरे में डाल देगी। किसानों ने मांग की है कि अब केंद्र सरकार अमेरिका, यूरोपीय संघ और न्यूजीलैंड के साथ कृषि में मुक्त व्यापार समझौतों पर भी बातचीत कर रही है। कुल मिलाकर इन समझौतों का उद्देश्य इन देशों से भारतीय बाजारों में निर्यात को बढ़ाना है जो राष्ट्रीय हितों के लिए हानिकारक साबित होगा। मांग पत्र में लिखा गया है कि अमेरिका का एक प्रतिनिधिमंडल भारत की यात्रा पर है और केंद्र सरकार के साथ इन समझौतों पर बातचीत कर रहा है। इस बात की गंभीर चिंता है कि इन समझौतों से अनाज, दालें, तिलहन, डेयरी उत्पाद, पोल्ट्री, फल और अन्य कृषि उत्पादों का आयात बढ़ जायेगा, जिससे ना केवल किसानों को बल्कि कृषि पर निर्भर सभी छोटे व्यवसायों को भी भारी नुकसान होगा। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान यूनियन, किसान बचाओ आंदोलन, राजस्थान जाट महासभा, किसान महापंचायत, युवा रेवॉल्यूशन संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता, किसान नेता मनोज चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शुक्लाबास, बदलूराम जाट, रोशनलाल, रामकृष्ण, गोदाराम समेत अन्य मौजूद रहे।
किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम एडीएम को सौंपा ज्ञापन
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March 28, 2025
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