कोटपूतली (रमेश बंसल मुन्ना): स्थानीय पंचायत समिति के वीसी कक्ष में गुरूवार को जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जनसुनवाई आयोजित की गई, जिसमें 50 से अधिक प्रकरण प्राप्त हुये। जिनमें व्यक्तिश: सुनवाई कर संबंधित अधिकारियों को समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिये। जनसुनवाई में सडक़, पेयजल, अतिक्रमण, भूमि विवाद, अवैध निर्माण कार्य, पेंशन, पुलिस, पट्टा, चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग से सम्बंधित विभिन्न परिवेदनाओं का संज्ञान लेते हुये जिला कलक्टर ने संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी और सम्बंधित विभागों से फीडबैक लेकर समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने परिवादी को की गई कार्यवाही से अवगत कराते हुये गुणवत्तापूर्ण प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिये। उन्होंने आम रास्तों पर अतिक्रमण, भूमि पैमाईश के कारण आपसी विवाद, आवासीय क्षेत्रों में अतिक्रमण के मामलों में पुलिस सहायता लेकर अंतिम रूप से समस्या का निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, सीएमओ, मुख्यमंत्री जनसुनवाई प्रकोष्ठ एवं जनसुनवाईयों में प्राप्त होने वाले प्रकरणों का त्वरित निराकरण करना सुनिश्चित करें। अधिकारी प्रकरणों को लेकर ना बैठे, अपने क्षेत्राधिकार में नहीं होने पर उच्च स्तर पर संपर्क कर निपटाएं, अधिकारियों की ड्यूटी लगाकर परिवादी से व्यक्तिगत संपर्क करते हुए एवरेज डिस्पोजल टाईम में सुधार करें एवं जिले कि रैंकिंग को बेहतर करें। उन्होंने कहा कि परिवादों का संतोषजनक व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें, जिससे कि परिवादी को बार बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बजट 2025-26 में जिले के संबंध में कि गई घोषणाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु उपयुक्त भूमि को चिन्हित करते हुए आवश्यक कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं एवं विभागीय योजनाओं की पात्रता के आधार पर आमजन को सभी अधिकारी स्वप्रेरित होकर लाभान्वित करें। इस दौरान एडीएम ओमप्रकाश सहारण, एसडीएम बृजेश कुमार, नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट, तहसीलदार रामधन गुर्जर सहित समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
*विभिन्न समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन*
जनसुनवाई में जनहित के विभिन्न मुद्दों पर सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शुक्लावास के नेतृत्व में जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा गया। राधेश्याम शुक्लावास ने अवगत कराया कि राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल के सामने गेट पर स्थित सर्विस लाईन पर रेहड़ी, कार, दुपहिया वाहन एवं एम्बुलेंस का अत्यधिक जमावड़ा रहता है। जिसके कारण मरीजों को सुबह ओपीडी से लेकर शाम तक अस्पताल में पहुंँचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह स्थिति अस्पताल में आने-जाने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों के लिये असुविधाजनक है, जिससे उनकी स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित हो रही हैं। सर्विस रोड़ पर वाहनों की पार्किंग व जमावड़ा रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाये जायें, ताकि मरीजों को अस्पताल तक सुगमता से पहुंँचने में कोई रुकावट ना हो। जिसे जिला कलक्टर ने गम्भीरता से लेते हुये मौके पर ही नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट को शीघ्र समाधान के निर्देश दिये। इससे पूर्व राधेश्याम शुक्लावास ने राजकीय सरदार विधालय के सामने डिवाईडर हटाने का मुद्दा उठाया था। जिसमें जिला प्रशासन ने सुनवाई करते हुये डिवाईडर हटवाये। वहीं ग्राम नारेहड़ा में स्टेट हाईवे की स्थिति निरन्तर खराब होती जा रही है। जिससे ग्रामीणों व दुकानदारों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दो साल से यह सडक़ गहरे-गहरे गड्डों में तब्दील हो चुकी है। जिससे यातायात में दिक्कतें उत्पन्न हो रही हैं। 17 से 21 जून 2024 तक नारेहडा स्टैंड पर अनिश्चितकालीन धरना व सडक़ जाम किया गया था। जिसमें "रोड़ नहीं तो टोल नहीं" का नारा भी उठाया गया। प्रशासन और आरएसआरडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने धरना स्थल पर पहुंचकर एक लिखित समझौता किया और 3.68 करोड़ रुपये की लागत से 1.5 किलोमीटर सीसी रोड़ बनाने का कार्य अगस्त 2024 में शुरू किया, लेकिन अब तक एक साईड ही आधी अधूरी बनी है। इस स्थिति से दुकानदारों व राहगीरों को दिन भर धूल मिट्टी से परेशान होना पड़ रहा है। ओमसिंह लम्बरदार, रूपेश शर्मा, कमल मीणा समेत अन्य ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस काम की गति व गुणवत्ता में सुधार नहीं होता है और इस स्थिति को तत्काल हल नहीं किया जाता है तो ग्रामीणों को मजबूरन फिर से धरना देने पर विचार करना होगा। प्रशासन और आरएसआरडीसी के अधिकारियों को इस बारे में गंभीर कदम उठाने होंगे, क्योंकि किसी भी प्रकार की और व्यवस्था खराब होने के लिए वे ही जिम्मेदार होंगे। जिस पर जिला कलक्टर ने एसडीएम बृजेश चौधरी को निर्देशित किया कि आरएसआरडीसी के अधिकारियों को बुलाया जावे। जिस पर सोमवार को समय तय किया गया जिसमें इस विषय पर वार्तालाप होगी अन्यथा मंगलवार से ग्रामीण धरने पर बैठेंगे। वहीं राधेश्याम शुक्लावास व अन्य ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताया कि ग्राम नारेहड़ा से पनियाला तक बनने वाला बाईपास परियोजना बहुत ही महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके निर्माण में पिछले दो वर्षों से गति नहीं पकड़ी है। इस बाईपास के बनने से कोटपूतली शहर में होने वाले कई फायदों की उम्मीद जताई जा रही है। सबसे पहले ओवरलोड ट्रकों का शहर में आना-जाना बंद होगा, जिससे सडक़ दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। इसके अलावा शहर में ट्रैफिक की भीड़ कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आयेगी और जीवन की गुणवत्ता बेहतर होगी। आयें दिन ट्रकों के जाम से निजात मिलने पर व्यापारिक गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि व्यापारी व व्यवसायी बिना किसी रुकावट के अपने कामों को कर सकेंगे। इसके अलावा शिक्षण संस्थाओं में भी नामांकन बढ़ेगा क्योंकि शहर में आने-जाने की सुविधायें बेहतर हो जायेंगी, खासकर पाना देवी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं के लिये सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी। इस बाईपास के निर्माण से ना केवल ट्रैफिक की समस्या हल होगी, बल्कि यह क्षेत्र के विकास को भी गति देगा। बाईपास के निर्माण को शीघ्र पूरा करवाया जावे। चोटियां से लेकर कोटपूतली शहर तक स्टेट हाईवे गहरे-गहरे गड्डों में तब्दील हो चुका है। बाईपास बनने व सडक़ के निर्माण होने तक सरूण्ड टोल वसूली बन्द की जावें। इस पर जिला कलक्टर ने कार्यवाही का आश्वासन दिया व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये। इस दौरान ओमसिंह लम्बरदार, रूपेश शर्मा, विक्रम सिंह, कमल मीणा, गोपाल बागोरिया समेत अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।