झुंझुनूं (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): श्री गोपाल गौशाला के तत्वाधान में 31 मार्च, सोमवार को गणगौर की शाही सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। गणगौर की सवारी अपराह्न 3.30 बजे श्री गोपाल गौशाला से प्रारम्भ होकर झुंझुनूं एकेडमी, लावरेश्वर एंव श्याम मन्दिर, चुणा का चौक, राणी सती रोड होते हुए अपरान्ह 5.30 बजे छावनी बाजार पहुंचेगी, जहां अतिथियों द्वारा अनिल शुक्ला के आचार्यत्व में वैद मंत्रो के साथ गणगौर माता की पूजा अर्चना सम्पन्न होगी।
गणगौर की शाही सवारी रथ पर निकाली जाएगी, जो कि छावनी बाजार से जोशियों का गट्टा, गुदडी बाजार एंव कपडा बाजार होते हुए श्री शंकरदास जी महाराज के आश्रम-समस तालाब जाकर पूजा अर्चना के पश्चात वापसी में कपड़ा बाजार, ढंडो का दरवाजा, खेतानों का मोहल्ला होते हुए वापस श्री गोपाल गौशाला पहुंचेगी। जानकारी देते हुए श्री गोपाल गौशाला अध्यक्ष प्रमोद खंडेलिया एवं मंत्री नेमी अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम संयोजक नारायण प्रसाद जालान के संयोजन में इस अवसर पर दिल्ली की टिन्नी रेखा एण्ड पार्टी द्वारा सजीव झांकियां एंव नृत्य नाटिका का मंचन मार्ग में जगह-जगह किया जावेगा। कार्यक्रम में उंट, घोडा़े का लवाजमा गाजे बाजे के साथ होगा। छावनी बाजार में विश्राम व्यवस्था एवं ठण्डे पेय की व्यवस्था श्री गल्ला व्यापार संघ द्वारा की जावेगी। विदित है कि होली के दूसरे दिन से सोलह दिनों तक लड़कियाँ नियमपूर्वक प्रतिदिन इसर-गणगौर को पूजती हैं। जिस लडक़ी की शादी हो जाती है वो शादी के प्रथम वर्ष अपने पीहर जाकर गणगौर की पूजा करती है। इसी कारण इसे सुहाग पर्व भी कहा जाता है। गणगौर की विदाई के बाद त्यौहार काफी समय तक नहीं आते, इसलिए कहा गया है-तीज त्यौहारा बावड़ी ले डूबी गणगौर अर्थात् जो त्यौहार तीज (श्रावण मास) से प्रारम्भ होते हैं, उन्हें गणगौर ले जाती है।