जयपुर: राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर राज्य सरकार द्वारा खाद्य पदार्थ व्यापारियों एवं मिल वालों की मांग की कृषक कल्याण फीस समाप्त की जानी चाहिये, बाहर से आयात होने वाली कृषि जिंसों पर मण्डी टैक्स व कृषक कल्याण फीस समाप्त की जानी चाहिये, मोटे अनाज श्रीअन्न पर आड़त 2.25 प्रतिशत की जायें, यह मांगें नहीं मानने के कारण व्यापारियों में बहुत रोष है। एक तरफ व्यापार का नुकसान हो रहा है, दूसरी तरफ दैनिक दिहाड़ी वाले मजदूर बेरोजगार हो गये हैं। जयपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर तथा भरतपुर संभाग; इन सभी संभागों में व्यापारियों ने आगे के आंदोलन की रूपरेखा तय कर सद्बुद्धि यज्ञ के आयोजन का निर्णय लिया है। कल धरने-प्रदर्शन किये गये। बाजारों में खाने की चीजों की शोर्टेज हो रही है, यदि अधिक शोर्टेज होगी तो इसकी जिम्मेवार राज्य सरकार रहेगी। मुख्यमंत्री जी को पत्र भेजकर पुनः निवेदन किया गया है कि समय से समस्याओं का समाधान आवश्यक है।
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