नैमिषारण्य तीर्थ/सीतापुर: भगवान श्रीजगन्नाथ के द्वितीय वार्षिक पाटोत्सव एवं श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ के साथ संगीतमय नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन सुप्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में हो रही है। व्यासपीठ से रामानुजाचार्य पुष्कर पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य ने श्रीराम कथा के छठवें दिवस गुरुवार को श्रौताओं को कहा कि मन ही बन्धन व मोक्ष का कारण है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के सुख व दुख का कारण मन है।
जगद्गुरु ने कहा कि मन से व्यक्ति शरीर से कहीं ऊपर भगवान के चिन्तन व मनन में लगाना है व भगवान के पास ही है। उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के साथ आँख मिचौली का खेल खेलते हैं। वहीं संयोग से प्रेम भाव व श्रद्धा बढ़ती है। वियोग से दूर सारा जगत् भगवान का है।गुरूवार को श्रीराम कथा की। यजमान सवाई माधोपुर की श्रीमती अर्चना गुप्ता एवं परिवार रहा, जिन्होंने श्रीराम कथा का पूजन व आरती की। स्वामी जी ने कहा कि भगवान पाँच प्रकार से जीवों की रक्षा करते हैं, मोक्ष करते हैं। उसका विस्तार से वर्णन कथा के दौरान श्रोताओं को समझाया है। जगद्गुरु ने कहा कि यजमान का भाव प्रधान होता है, भगवान से दूर कोई नहीं, तो नज़दीक भी कोई नहीं है। भगवान का चिन्तन हज़ारों कोस दूर रहकर भगवान के पास प्रवेश हों सकते हैं। उन्होंने श्रोताओं को नैमिषारण्य तीर्थ के बारे में भी बताया है। तीर्थ में जाए, स्नान करना चाहिए। धन का सदुपयोग करना चाहिए, भजन करना चाहिए। जगद्गुरु स्वामी रामचन्द्राचार्य के सान्निध्य में लक्ष्मी नारायण यज्ञ प्रतिदिन हो रहा है, जिसको आचार्यत्व नन्दकिशोर शास्त्री के द्वारा विद्वान पंडितों द्वारा यज्ञ किया जा रहा है। जिसमें हज़ारों श्रद्धालुओं ने अपनी भागीदारी आहूति दे रहे हैं। वहीं कथा श्रवण करने के लिए जगन्नाथपुरी से जगद्गुरु स्वामी इन्द्र रमण, जीयर मठ सम्मिलित हुए हैं।स्वामी अनिरूध्दाचार्य, स्वामी चतुर्भुज दास महाराज, पंडित नन्दकिशोर शास्त्री, उपेंद्र सिंह राजावत सवाई माधोपुर, श्रीमती मधु कंवर, अवध बिहारी मिश्रा फर्रुखाबाद से श्रीमती कुंती मिश्रा, मुनेंद्र सिंह बदायूं जनपद, रायपुर मारवाड़ से श्रीमती कौशल्या देवी, तीर्थराज पुष्कर से श्रीमती हरिइच्छा पाराशर हरिप्रसाद शर्मा, भाधव, आलोक मिश्रा आदि के अलावा हज़ारों महिला- पुरूषों ने श्रीराम कथा का श्रवण कर लाभ उठाया है ।