कोटपूतली ): नवगठित जिला कोटपूतली-बहरोड़ में जिला एवं सत्र न्यायालय व इसके समकक्ष न्यायालय खुलवाये जाने को लेकर कोटपूतली व बहरोड़ के बीच उपजे विवाद ने तुल पकड़ लिया है। इस मांग को लेकर कोटपूतली व बहरोड़ के अधिवक्ताओं के बीच गतिरोध निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जिला अभिभाषक संघ कोटपूतली द्वारा बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन कर कोटपूतली में डीजे कोर्ट खुलवाने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल व विधायक हंसराज पटेल को ज्ञापन सौंपा गया था। साथ ही आगामी 15 फरवरी तक सम्पूर्ण पेन डाउन हड़ताल का ऐलान करते हुये न्यायिक कार्यो का बहिष्कार भी किया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन भी पेन डाउन हड़ताल जारी रही। वहीं बड़ी संख्या में अधिवक्तागण जिला अभिभाषक संघ के बैनर तले कस्बे के मुख्य मार्गो से विरोध जुलूस निकालते हुये भारी नारेबाजी कर पैदल मार्च के साथ संघ के अध्यक्ष एड.उदय सिंह तंवर के नेतृत्व में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर से आजाद चौक स्थित कचहरी परिसर पहुँचे। जहाँ पर सभी अधिवक्ताओं समेत स्टाम्प वेंडर, डीडराईटर, ऑथ कमिश्नर एवं कम्प्यूटर ऑपरेटरों आदि ने हड़ताल को अपना पूर्ण समर्थन दिया। साथ ही संघ के बैनर तले कचहरी परिसर के रामलीला मंच पर अनिश्चितकालीन धरना व विरोध प्रदर्शन किया गया। बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने धरने को सम्बोधित करते हुये कहा कि कोटपूतली के हितों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अधिवक्ताओं का कहना था कि कोटपूतली के विरूद्ध षड्यंत्र रचा जा रहा है। राज्य सरकार ने पूर्व में ही कोटपूतली को नवगठित जिले का मुख्यालय मानते हुये कलेक्टर-एसपी के कार्यालय खोल दिये थे एवं डीजे कोर्ट हेतु अस्थाई तौर पर भवन को भी चिन्हित कर लिया गया था, लेकिन अब डीजे कोर्ट को बहरोड़ ले जाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जो कि वकीलों के साथ-साथ पक्षकारों व आम जनता के लिये भी भारी परेशानी का सबब बना हुआ है। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोटपूतली में जिला एवं सत्र न्यायालय खोले जाने की घोषणा इसी बजट में करते हुये पूर्व में चयनित भवन में ही स्थाई निर्माण होने तक जिला एवं सत्र न्यायालय व इसके समकक्ष न्यायालयों को खोला जायें। जब तक यह मांग पुरी नहीं होगी तब तक अधिवक्ता शांत नहीं बैठेगें। इस दौरान अध्यक्ष एड. उदयसिंह तंवर समेत उपाध्यक्ष रंजीत सिंह वर्मा, सचिव हेमन्त शर्मा, कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र रावत व रीछपाल सिंह चौधरी, अशोक कुमार सैनी, पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी व दयाराम खटाना, एपीपी योगेश सैनी व प्रेमप्रकाश शर्मा, चेतराम रावत, हरिचन्द्र चतुर्वेदी, अंकित स्वामी, गोविन्द रावत, राजाराम, अशोक आर्य नोटेरी, विजय सैनी, विकास मीणा, शिवकुमार शर्मा, प्रदीप आर्य, विकास यादव, अजय सिंह तंवर, सतीश हाडिया, सुनील शर्मा, रूपेश सेहरा, कन्हैया लाल गुर्जर, हितेष यादव, सुभाष गुर्जर, नीरज, रामकिशन, रेखा चतुर्वेदी, अनिल आर्य, राकेश शर्मा, सुभाष यादव आदि अधिवक्तागण मौजूद रहे।
*क्या है मामला* कोटपूतली-बहरोड़ के जिला गठन को एक वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। राज्य सरकार ने नवगठित जिले का मुख्यालय कोटपूतली को मानते हुये यहाँ जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन कार्यालय, जिला मुद्रांक कार्यालय व कोषालय समेत अन्य कई मुख्य कार्यालयों को पहले से ही कोटपूतली में खोला है। लेकिन जिला एवं सत्र न्यायालय समेत समकक्ष न्यायालयों का खोले जाना अभी शेष है। जिससे अधिवक्ता, पक्षकारान व आमजन को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय में कोटपूतली में जिला एवं सत्र न्यायालय खोले जाने के लिये कस्बे की पुरानी सब्जी मण्डी स्थित राजकीय कन्या पाठशाला को अस्थाई भवन के तौर पर चिन्हित भी कर लिया गया था एवं जिला न्यायालय के निर्माण हेतु कोटपूतली मुख्यालय पर ग्राम कालुहेड़ा में समस्त जिला स्तरीय एवं समकक्ष कार्यालयों के निर्माण के लिये 200 बीघा भूमि भी आवंटित कर दी गई थी। जो कि पनियाला क्षेत्र में स्थित है, जहाँ से बहरोड़ समेत बानसूर, विराटनगर, पावटा आदि जगहों पर आवागमन मध्य में होने के कारण सुगम है एवं सुविधाजनक स्थान है। लेकिन जिला गठन के डेढ़ वर्ष बीत जाने के बावजुद भी यहाँ डीजे कोर्ट नहीं खोला जा सका है। अभी तक जिला एवं सत्र न्यायालय जयपुर एवं अलवर के तहत कार्य कर रहे कोटपूतली-बहरोड़ जिले का नया जिला एवं सत्र न्यायालय स्थापित किया जाना है। आने वाले मार्च माह में नवगठित जिले का डीजे कोर्ट स्थापित किये जाने की सम्भावनायें जताई जा रही है। चर्चा इस बात की भी है कि राज्य सरकार के इसी बजट में जिला एवं सत्र न्यायालय के लिये अस्थाई तौर पर भवन चिन्हित कर उसकी स्थापना एवं मरम्मत के लिये बजट जारी किया जायेगा। हालांकि स्थाई भवन का निर्माण आवंटित भूमि पर मिनी सचिवालय के निर्माण जिसमें जिला कलेक्ट्रेट समेत अन्य कई जिला स्तरीय कार्यालय होगें, उनके साथ ही हो सकेगा। लेकिन फिलहाल अस्थाई तौर पर डीजे कोर्ट कोटपूतली या बहरोड़ में से कहां खोला जायें इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है। अब देखना यह है कि कोटपूतली व बहरोड़ के अधिवक्ताओं के बीच छिड़ी जंग को कौन जीतेगा यह तो समय ही बतायेगा, फिलहाल दोनों संघ अपनी-अपनी ताकत को आजमाने में जुटे हुये है।