वीरता और साहस राजस्थानी युवा के नैसर्गिक गुण

AYUSH ANTIMA
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जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, जयपुर में युवा संवाद कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस वर्ष के संवाद की थीम "अतुल्य भारत" थी, जिसमें देश की संस्कृति, इतिहास, शिक्षा और युवाओं की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध गणित शिक्षक एवं यूट्यूब एक्सपर्ट गजेंद्र पुरोहित तथा इतिहास विशेषज्ञ राजवीर चलकोई ने अपने प्रेरणादायक विचारों से विद्यार्थियों को संबोधित किया। कार्यक्रम के पहले सत्र में गणित के प्रसिद्ध शिक्षक गजेंद्र पुरोहित ने छात्रों को सफलता के मूल मंत्र बताए। उन्होंने कहा कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीन महत्वपूर्ण बातें आवश्यक हैं। पहली कठोर परिश्रम करना, दूसरी अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहते हुए सतत प्रयास और तीसरी परिवार और समाज के प्रति कृतज्ञता। उन्होंने विद्यार्थियों को यह संदेश दिया कि संघर्ष से कभी न घबराएं, बल्कि उसे अपनी ताकत बनाएं। यदि वे निरंतर मेहनत करते रहेंगे, तो सफलता निश्चित रूप से उनके कदम चूमेगी।

*राजस्थान के गौरवशाली इतिहास को आत्मसात करने का आह्वान*

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में इतिहास विशेषज्ञ राजवीर चलकोई ने युवाओं को संबोधित करते हुए राजस्थान के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज का युवा अवसाद, असफलता के डर और भविष्य की अनिश्चितताओं से घिरा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने राजस्थान के युवाओं को अपने पूर्वजों से प्रेरणा लेने का आग्रह किया और कहा—
"राजस्थान की रगों में बहादुरी और साहस है। जो युवा अपने इतिहास को जानता है, वह कभी असफल नहीं हो सकता।"
उन्होंने विद्यार्थियों को कठोर परिश्रम करने और अपनी संस्कृति, सभ्यता और स्वाभिमान के गौरव को बनाए रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि "जब तक हम अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे, तभी तक अपनी सभ्यता को जीवित रख सकेंगे।"
इस कार्यक्रम में संस्थान की रजिस्ट्रार रचना मील, एकेडमिक निदेशक प्रो.एस.एल. सुराणा, फैकल्टी अफेयर्स के हेड डॉ.मुकेश अरोड़ा, डॉ.सविता चौधरी, प्रोफेसर संगीता व्यास सहित संस्थान के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भाग लिया। इस पूरे आयोजन में मंच संचालन की जिम्मेदारी परिणीता शर्मा और निकिता कसाना ने बखूबी निभाई। कार्यक्रम की संयोजक डॉ.निधि शर्मा ने बताया कि 'युवा संवाद' के इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा और परिश्रम का महत्व समझाया, बल्कि उन्हें अपने इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव से भी जोड़ने का कार्य किया। यह कार्यक्रम युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत साबित हुआ और उनमें आत्मविश्वास तथा लक्ष्य प्राप्ति की ऊर्जा संचारित करने में सफल रहा।

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