*बम बम भोले के जयकारों से गूंज उ
अलवर : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर जिलेभर में मंदिरों में भक्तों की विशेष भीड़ देखी गई। अपनी श्रद्धा भक्ति के चलते दूर-दूर तक भक्तों की लगी कतारे और हाथों में पंचामृत और जल लिए हुए श्रद्धालु भोलेनाथ को समर्पित करने को तत्पर दिखाई दिए। अलवर के प्रसिद्ध त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता देखने को मिला। श्रद्धालु लंबी-लंबी कतारों में भगवान शिव को स्नान करने के लिए बेसब्री से इंतजार करते दिखाई दिए। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ था। इसके साथ ही महिला और पुरुष जीवन में सुख और समृद्धि के लिए भगवान भोलेनाथ के लिए महाशिवरात्रि का उपवास भी रखते हैं। त्रिपोलिया महादेव मंदिर के महंत जितेंद्र खेड़ापति ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव को समर्पित है। दोपहर को शहर के मथुराधीश मंदिर से महिलाओं ने जेगड़ शोभायात्रा निकाली। वहीं शाम को मां पार्वती का सिंगार कर उन्हें त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर लाया गया। उसके बाद शिव-पार्वती की वरमाला की रस्म पूर्ण की गई। भोलेनाथ की एक श्रद्धालु महिला ने बताया कि इस दिन शिव पार्वती के विवाह होने की परंपरागत मान्यता है। अलवर के सभी शिवालयों में इस दिन भगवान शिव को पंचामृत, जिसमें शहद दूध जल इत्यादि से अभिषेक किया जाता है और बेलपत्र और पुष्पों के माध्यम से उन्हें सजाया जाता है। प्राचीन काल में त्रिपोलेश्वर महादेव मंदिर में अलवर की महारानी पुरैल आवाज के साथ त्रिपोलिया में भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचती थी। एक मान्यता के अनुसार आज के दिन महादेव से जो भी सच्चे मन से मांगो, वह अवश्य मिलता है ।