गोविंद देवजी मंदिर में छाया बसंत का उल्लास

AYUSH ANTIMA
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जयपुर: ठिकाना मंदिर गोविंददेव जी मंदिर में बसंत पंचमी उत्सव रविवार को मंदिर के पाटोत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में मंदिर में अनेक धार्मिक आयोजन हुए। मुख्य रूप से ठाकुर जी को पांच तरह की गुलाल अर्पित ऋतुराज कुसुमाकर बसंत का अभिनंदन किया गया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि सुबह मंदिर कीर्तनिया एवं परिकर जन मंगल गीत एवं बधाई गान से दिवस की शुरुआत की। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में बसंत पंचमी को मंगला झांकी के बाद  ठाकुर जी का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक कर मावा पेड़े का भोग अर्पण किया गया। अभिषेक झांकी बाद ठाकुर श्रीजी को विशेष पीत (पीली) पोशाक एवं अलंकार श्रृंगार धारण कराया गया। धूप झांकी खुलने पर पहले अधिवास पूजन किया गया, जिसमें ठाकुर श्रीजी को बेसन के लड्डू का भोग अर्पण किया गया। श्रृंगार झांकी के बाद मां भगवती सरस्वती का पूजन जगमोहन मध्य में ठाकुर श्रीजी के सन्मुख किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजन के दर्शन किए। ठाकुर श्रीजी को पांच प्रकार गुलाल, इत्र का अर्पण कर बसंत पर्व का अभिनंदन किया। उसके बाद राजभोग की आरती हुई। उल्लेखनीय है कि गोविंद देवजी मंदिर में बसंत पंचमी का दिन एक विशेष उत्सव के रूप मनाया जाता है। करीब 500 वर्ष पूर्व इस दिन श्रील रूप गोस्वामी पाद ने ठाकुर श्रीजी का विग्रह गोमाटीला (वृंदावन) में पुन: प्रकट किया था। मूल बंग (बंगला) भाषा में रचित माध्व गौड़ीय संप्रदाय के सर्वमान्य ग्रंथ भक्ति रत्नाकर ग्रंथ के द्वितीय तरंग में इसका उल्लेख मिलता है।

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