डूबती पत्रकारिता को बचाने हेतु नया नारा "जर्नलिस्ट फोर जर्नलिज्म"

AYUSH ANTIMA
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जयपुर/बीकानेर: पत्रकारिता धर्म विचलित हो गया है। पत्रकारिता अर्थ और सत्ता की गुलाम होती जा रही है। पत्रकारिता प्रलोभन, सत्ता और बाजार के दवाब में अपने मूल्य खोती जा रही है तो पत्रकारों के बीच से ही एक नया नारा उभरा है पत्रकार पत्रकारिता के लिए (जर्नलिस्ट फोर जर्नलिज्म) यानि गैर पत्रकार को पत्रकारिता में मान्यता नहीं दी जाए। यह नारा पत्रकारिता के गिरते मूल्यों पर चिन्तित सभी पत्रकारों का है। किसी गुट, विचारधारा और व्यक्ति विशेष का यहां कोई महत्व नहीं है। सभी पत्रकार बन्धुओं के समुचित प्रयासों से पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों की पुर्नस्थापना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता समेत पत्रकारिता के एथिक्स की तरफ सबका ध्यान आकर्षित करना है। भारत जैसे विविधता वाले देश में और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में पत्रकारिता धर्म के प्रति पत्रकार अपना कर्तव्य समझे, पत्रकारिता की साख को बनाए रखें, पत्रकारिता में आई विसंगतियों को दूर करें, हम पत्रकार पत्रकारिता की खातिर हों। पत्रकारिता के गिरते मूल्यों पर प्रदेशभर के पत्रकारों और देश के कई पत्रकारों ने गहरी चिन्ता जताई है। सभी पत्रकार मिलकर पत्रकारिता में आई गिरावट से लोकतंत्र और पत्रकारिता को उबारने की दिशा में चिन्तन करेंगे। इसके लिए प्रदेश के पत्रकारों ने मिलकर एक मंच बनाया है, जिसका उदेदश्य निम्न प्रकार के रखे गए हैः                                                                   * जर्नलिस्ट फॉर जर्नलिज्म पत्रकारिता करने वाले ही पत्रकार हों, गैर पत्रकार पत्रकारिता की आड में पत्रकारिता कर्म की साख पर सवाल नहीं बने।                                    
* अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगने वाले अंकुशों का विरोध हो।          
* मूल्यपरक पत्रकारिता के कार्यों को प्रभावी बनाया जाए।                
* गैर पत्रकार लोगों द्वारा पत्रकारिता की साख के खिलवाड़ को रोका जाए।  
* सरकार के स्तर पर पत्रकारों को संबल, सुरक्षा और सम्मान मिले।            
* हम एक दूसरे को आगे बढ़ाएं, सहयोग दें, सम्मान दें और संवाद करें।       
* मूल्यपरक पत्रकारिता पर समय समय पर संवाद कार्यक्रम रखे जाएं।    
* विज्ञापन रहित पत्रकारिता पर मॉडल्स, मीडिया राइट्स पर चर्चा हो।   
* मीडिया की विभिन्न विधाओं पर समय समय पर कार्यशाला हो।       
* समाज में सकारात्मकता फैलाने वाली पत्रकारिता की दिशा में काम हो।                                  
वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा का कहना है कि समय चाहे कितना ही बदल जाए, नित नई तकनीक आ जाए लेकिन पत्रकारिता के मूल आदर्श स्वतंत्रता, निर्भीकता एवं सत्यनिष्ठा बने रहेंगे, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। इस विश्वास के साथ नया मंच "जर्नलिस्ट फोर जर्नलिज्म" सच्ची पत्रकारिता की फिर से आवाज बनकर खड़ा हो रहा है। इसकी पहली मिटिंग जयपुर में हो गई है। वास्तविक पत्रकार सदस्यता फार्म भर रहे हैं। यह नारा यह आवाज पत्रकारिता के मूल्यों की फिर से अलख जगाएगी।

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