भारतीय राजनीति में झूठ का व्यापार परवान पर है। पहले तो मिडिया के समक्ष सुर्खियां बटोरने के लिए बयान दे देते हैं फिर जब बवाल खड़ा होता है तो सफाई देते हैं कि उनका बयान तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। आमजन के समझ में आज तक यह तोड़ मरोड़ समझ में नहीं आई। हाल ही मे राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ.किरोड़ी लाल मीणा ने सार्वजनिक रूप से भजन लाल शर्मा सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। इस बयान के बाद विधानसभा में कांग्रेस हमलावर होने के साथ ही विधानसभा को बाधित कर दिया। किरोड़ी लाल अपनी निजी महत्वाकांक्षा पाले रहने से दबाव की राजनीति कर रहे थे। उनकी इस राजनीति से भाजपा शीर्ष नेतृत्व दबाव में नहीं आया और आगामी बजट को देखते हुए विधानसभा में इस पर बवाल न हो, किरोड़ी लाल के बयान को अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस थमा दिया। सूत्रों की माने तो इसके जबाब मे किरोड़ी लाल मीणा ने वही चिर परिचित अंदाज में ई मेल से जबाब दिया कि उन्होंने मिडिया के सामने बयान नहीं दिया था बल्कि एक सार्वजनिक कार्यक्रम में यह बात रखी थी, उसके बाद विडियो वायरल हो गया। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग से संबंधित इनपुट मिले थे, उन्हीं के आधार पर सार्वजनिक रूप से सबके सामने अपनी बात रखी थी।
अब सवाल उठता है किरोड़ी लाल मीणा, भजन लाल शर्मा कैबिनेट में मंत्री हैं और उनको यह खुलासा करना चाहिए कि वे कौन से इनपुट थे, जिन पर विश्वास करके सार्वजनिक रूप से अपनी ही सरकार मे फोन टैपिंग का आरोप लगाया। किरोड़ी लाल मीणा कैबिनेट मंत्री बनने के बाद से ख़फ़ा है और मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को चुनौती देते रहे हैं लेकिन उनको शायद पता नहीं भाजपा में मोदी युग है व भजन लाल शर्मा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वरदहस्त है और उनको चुनौती देना सीधे मोदी को चुनौती देना है। दबाव की राजनीति के चलते उन्होंने मंत्री पद से भी इस्तीफे का नाटक किया था। फोन टैपिंग के इस बयान को लेकर जो शीर्ष नेतृत्व ने कड़ा रूख अपनाया, उसके पीछे किरोड़ी लाल मीणा की अपने ही चुनावी क्षेत्र में राजनितिक पकड़ कमजोर होना है। विदित हो उपचुनावो में दौसा से अपने भाई को जिद करके टिकट दिलवाने के बाद अपनी पूरी ताकत लगाने पर भी भाई को नहीं जितवा पाए। कोई भी नेता शीर्ष नेतृत्व को आमजन की ताकत पर ही आंखें दिखा सकता है। किरोड़ी लाल मीणा की उस ताकत का शीर्ष नेतृत्व को भान हो गया और उनकी दबाव की राजनीति को दरकिनार करते हुए नोटिस थमाकर उनको औकात से रूबरु करवा दिया।