गोविंद देवजी मंदिर में महाशिवरात्रि पर 26 को होगा शिवोहम् कार्यक्रम

AYUSH ANTIMA
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जयपुर: आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर पुण्य का त्रिवेणी संगम होगा। त्रिवेणी संगम की तीन धाराएं हैं-ठाकुर जी के दर्शन, भोलेनाथ का अभिषेक और शिव गायत्री महायज्ञ में आहुतियां अर्पित करने का सुअवसर। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में पहली बार शिवोहम् कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। राधा गोविंद भगवान के आशीर्वाद से हो रहे कार्यक्रम में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुुंज हरिद्वार सहित अनेक संस्थाएं और संगठन सहयोगी के रूप में सेवाएं देंगे। शनिवार को गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में गायत्री परिवार के पदाधिकारियों एवं बड़ी संख्या में मातृ शक्ति ने आयोजन के पोस्टर का विमोचन किया। आयोजन में शैव और वैष्णव परम्परा से समिश्रित रूप के दर्शन होंगे। इस मौके पर पार्थिव शिवलिंगों की प्राण प्रतिष्ठा कर रूद्राभिषेक किया जाएगा। श्रद्धालु अपने हाथों से अभिषेक कर सकेंगे। पंचामृत के अलावा प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के जल से भी अभिषेक करने का अवसर प्राप्त होगा। खास बात यह है कि तीनों कार्यक्रम निशुल्क है। किसी का कोई पंजीयन नहीं किया जा रहा। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अभिषेक का अवसर प्राप्त होगा। श्रद्धालुओं को न शिवाभिषेक के लिए जल और पूजन सामग्री लाने की आवश्यकता है और न ही शिव गायत्री महायज्ञ में आहुतियां अर्पित करने के लिए हवन सामग्री या घी लाने की जरूरत है। ऐसे में छोटी काशी के भक्तों को पहली बार आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में ऐसा अवसर प्राप्त होने जा रहा है।
 *प्रयागराज के जल से होगा अभिषेक* 
महाशिवरात्रि को सुबह सवा सात बजे पार्थिव शिवलिंगों की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके बाद सुबह आठ से ग्यारह बजे तक श्रद्धालु कतार में लगकर पार्थिव शिवलिंगों का ऊं नम: शिवाय के साथ अभिषेक कर सकेंगे। दूध,, पंचामृत, प्रयागराज का त्रिवेणी संगम का जल श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराया जाएगा।
*हरिद्वार की टोली कराएगी हवन* 
इसी बीच ठीक नौ बजे नौ कुंडीय शिव गायत्री महायज्ञ प्रारंभ होगा। युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार की पांच सदस्यीय टोली महायज्ञ संपन्न कराएंगी। भगवान भोलेनाथ की कृपा के लिए शिव गायत्री महामंत्र से विशेष आहुतियां प्रदान की जाएंगी। यज्ञ भी निशुल्क है। इसमें कोई भी शामिल हो सकता है। सभी को आहुतियां अर्पित करने का अवसर प्राप्त होगा। हवन की पहली पारी में बैठने वालों का गोविंद देवजी मंदिर की ओर से सम्मान किया जाएगा और प्रसाद दिया जाएगा।

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