शिक्षक बनने के लिए 14 लाख परीक्षार्थियों ने आजमाया अपना भाग्य, जिले में हर जगह रहा भीडभाड़ का माहौल

AYUSH ANTIMA
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अलवर : शिक्षक बनने का सपना सच करने को लेकर लगभग 14 लाख परीक्षार्थियों ने अपने भाग्य को आजमाया और शिक्षक पात्रता परीक्षा में बैठे लेकिन अलवर केंद्रीय बस स्टैंड पर रीट परीक्षा थी, अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिए पहुंचे, जहां भारी भीड़ जमा हो गई। इसके साथ ही अन्य यात्रीगणों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। सरकार की ओर से अतिरिक्त बस की व्यवस्था नहीं होने से सभी लोगों को परेशानी हुई। परीक्षार्थियों की भीड़ का आलम यह रहा कि वह अपनी जान की परवाह न करते हुए अपनी जान का जोखिम उठाकर भरी हुई बसों में खिड़की से भी चढ़ने दिखाई पड़े, इसके साथ ही शहर के होटल और धर्मशाला भी बुक रहे। शहर मे भीडभाड़ का आलम दिखाई दिया। गौरतलब है कि शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा में प्रदेश भर से लगभग 14 लाख परीक्षार्थियों ने अपना भाग्य आजमाया। परीक्षा आयोजित करने के लिए 1731 केंद्र बनाए गए थे। प्रदेश  के 41 जिलों में तीन चरणों में यह परीक्षा आयोजित हुई। परीक्षा 27 और 28 फरवरी को आयोजित की गई। शहर सीकर से परीक्षा देने आए एक युवक ने बताया कि वह पिछले दो दिन से परीक्षा के चलते अलवर आया हुआ है, रहने की व्यवस्था धर्मशाला मे कर ली लेकिन बसों में भी भीड़भाड़ है पर घर तो जाना ही है। कुछ ऐसा ही नजारा  अलवर के मालाखेड़ा का दिखाई दिया। प्रदेश स्तरीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में अलवर जिला मुख्यालय मालाखेड़ा क्षेत्र में आए हुए परीक्षार्थियों की वजह से संसाधन कम पड़ गए। वहीं अतिरिक्त संसाधन की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते अलवर के केंद्रीय बस स्टैंड, मालाखेड़ा के बस स्टैंड पर भारी भीड़ का जमावड़ा लगा रहा। वहीं रोडवेज बस के आने पर केंद्रीय बस स्टैंड पर लोग एक साथ दौड़ पड़ते और बस में खिड़कियों से ही बच्चों को अंदर प्रवेश करते हुए देखे गए। राजस्थान राज्य परिवहन निगम सहित निजी संसाधनों की भी कोई व्यवस्था सरकार और प्रशासन के द्वारा नहीं की गई, जिसके चलते भारी परेशानी सभी यात्रियों को देर शाम तक उठानी पड़ी।
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