जयपुर): राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। जूली ने कहा कि भाजपा सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और मेहणपुर की घटना इस विफल सरकार की असंवेदनशीलता और जातिवादी मानसिकता का प्रत्यक्ष उदाहरण है। जूली ने कहा कि एक दलित युवक को पानी के मटके को छूने की वजह से बर्बरता से पीटा गया, पूरी रात बंधक बनाकर रखा गया और फिरौती वसूलने के बाद छोड़ा गया। यह घटना न केवल दलित समाज के सम्मान और अधिकारों पर हमला है, बल्कि यह भाजपा सरकार की दलित विरोधी नीतियों को भी उजागर करती है। प्रतिपक्ष के नेता जूली ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर ने जिस समतामूलक समाज और संविधान का सपना देखा था, उसे राजस्थान की भाजपा सरकार ने तार-तार कर दिया है। बाबा साहब ने हमें समानता, न्याय और भाईचारे का मार्ग दिखाया था, लेकिन आज यह सरकार इन मूल्यों की खुलेआम अवहेलना कर रही है। दलितों को सिर्फ उनकी जाति के आधार पर अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है, और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। जूली ने कहा कि यह सरकार केवल अपने राजनीतिक स्वार्थ सिद्ध करने में लगी है और दलितों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करने में पूरी तरह नाकाम रही है। भाजपा सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह संविधान और दलित समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेती। जूली ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि मैं भाजपा सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या यही राम राज्य है, जिसका वे वादा करते हैं ? क्या बाबा साहब अंबेडकर का संविधान इस तरह के अन्याय और अत्याचार की इजाजत देता है ? यह सरकार संविधान के मूल्यों और दलित समाज के आत्मसम्मान को कुचलने का प्रयास कर रही है। मैं, इस दुखद घटना की कड़ी निंदा करते हुए, मैं मांग करती हूं कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को न्याय मिले।
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