प्रयागराज में सदी का यह महाकुंभ, जो मकर संक्रांति से शुरू हुआ था, उसी दिन से देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान करने प्रयागराज पहुंच रहे थे। सूत्रों की मानें तो मकर संक्रांति के दिन करीब चार करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा, जमुना, सरस्वती के संगम पर स्नान कर पुण्य कमाया। यह यूपी सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन व माकूल इंतजामो का ही कमाल था कि देश विदेश से पहुंचे श्रद्धालु योगी की मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे थे। इस महाकुंभ पर भी देश के राजनीतिक दल कांग्रेस के अध्यक्ष ने आलोचना कर सनातनियों की आस्था पर कुठाराघात करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उनकी यह आलोचना उन करोड़ों सनातनियों की आस्था व श्रध्दा पर प्रहार था। 28 जनवरी की रात्रि को जो दुखद हादसा हुआ, उसको लेकर विपक्ष की बांछे खिल गई क्योंकि ऐसे हादसे को लेकर वह गिद्ध दृष्टि जमाए बैठा था। उस रात्रि अनेक श्रद्धालु संगम घाट के किनारे सो रहे थे। इस कारण भी भीड़ पर नियंत्रण करना मुश्किल हो गया था। हो सकता है इस दुखद हादसे के पीछे कुछ अधिकारियों की लापरवाही भी रही हो लेकिन जहां करीब दस करोड़ लोग इकठ्ठा हो जाते हैं, वहां प्रशासन द्वारा नियंत्रण करना टेढ़ी खीर हो जाता है लेकिन इस भगदड़ से विपक्ष को इस महाकुंभ को लेकर आलोचना करने का सुनहरा अवसर मिल गया। कांग्रेस व सपा ने केन्द्र सरकार व राज्य सरकार पर इस तरह हमला बोला, जैसे इस हादसे का इंतजार ही कर रहे थे। यह विदित है कि प्रशासन कितने ही कायदे कानून बना लें लेकिन जब करोडो की संख्या में भीड़ इकट्ठी हो जाए तो नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में आमजन को खुद संयम का परिचय देते हुए व्यवस्था बनाने में प्रशासन का साथ देना चाहिए। यूपी सरकार ने इस दुखद हादसे के बाद बहुत ही संवेदनशीलता का परिचय दिया और पधारे श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के लिए आग्रह किया। जो भी इस महाकुंभ को लेकर सनातनी परम्पराएं थी, उनका निर्वहन करवाया गया। कांग्रेस जैसे राजनीतिक दल को लेकर जो सनातन विरोधी आमधारणा रही है, उसके आचरण से उसको बल मिला। यही वह कांग्रेस है, जिसने भगवान श्रीराम को काल्पनिक कहते हुए रामसेतु पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए थे, तत्पश्चात पूरे देश ने देखा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर निर्माण व रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल खड़े कर सनातनियों की भावनाओं को आहत किया था। कांग्रेस सदैव तुष्टिकरण की राजनीति करती रही है और वोट बैंक के जरिये एक खास समुदाय को राजी करती रही है। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.डॉ.मनमोहन सिंह ने तो यहां तक कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है। कांग्रेस को सोचना होगा कि सनातन धर्म की परम्पराओं के खिलाफ आग उगलने से कांग्रेस का वजूद नहीं बचेगा। महाकुंभ को लेकर कांग्रेस जो ओछी मानसिकता का परिचय दे रही है, उसे सारा देश देख रहा है कि योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन से यह ऐतिहासिक महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है ।
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