जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर जिले की गिड़ा तहसील के ग्राम पंचायत मोतिया का तला स्थित साजटा गांव में सदियों पुरानी परंपरा के तहत वंशावली वाचन समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन में रावजी रधुवीर सिंह, कान सिंह, मालू सिंह राव ने किस्तुराराम मूंड के परिवार की वंशावली का वाचन किया। इस दौरान परिवार के सदस्य, दूर-दराज के रिश्तेदार और ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और इस ऐतिहासिक परंपरा का हिस्सा बने।
*हजारों वर्षों से संरक्षित है वंशावली परंपरा*
राव परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी संभाल कर रखी गई पौथियों में विभिन्न जातियों और समुदायों की वंशावली का लेखा-जोखा रखते हैं। वंशावली वाचन के दौरान परिवार के जन्म, विवाह, मृत्यु, ननिहाल, ससुराल सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां दर्ज की जाती हैं। यह परंपरा डिंगल और पिंगल भाषा में लिखी गई बहियों में संरक्षित की जाती है। आज भी राजस्थान में कई परिवार इस परंपरा को निभाते हुए रावों का स्वागत बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ करते हैं।
*रावों के स्वागत में 'रावों की रोटी' और पारंपरिक भोजन*
गांवों में रावजी के आगमन पर पूरे परिवार में उत्सव जैसा माहौल रहता है। इस दौरान उन्हें विशिष्ट भोजन "रावों की रोटी" परोसी जाती है, जिसमें हलवा, खीर, केर-सांगरी सहित पारंपरिक व्यंजन शामिल होते हैं। भोजन के उपरांत रावजी श्लोकों के माध्यम से परिवार को मंगलकामना और खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं।
*वंशावली वाचन और बही का पूजन*
रावजी द्वारा परिवार की प्राचीन कोटड़ी (वंश परंपरा से संबंधित स्थान) में बही पूजन के साथ वंशावली का वाचन किया जाता है। इस दौरान परिवार के सभी सदस्य एकत्र होकर अपने पूर्वजों का इतिहास सुनते हैं। बही में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण प्राचीन समय से संकलित किया जाता रहा है। रावजी को उच्च आसन पर बैठाकर वंशजों का यशगान किया जाता है और वाचन के दौरान विशेष रूप से अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है।
*नजराने में दी गई हजारों की भेंट, कीमती वस्त्र और आभूषण*
रावों को उनके समाज के यजमानों द्वारा अतिथि सेवा की परंपरा निभाई जाती है। परिवार के नए सदस्यों का नाम वंशावली में दर्ज करवाने पर यजमान रुपए, वस्त्र और आभूषण के रूप में भेंट अर्पित करते हैं। प्राचीन समय में ऊंट, घोड़े और स्वर्ण मुद्राएं भी नजराने के रूप में दी जाती थीं। इस आयोजन के दौरान कस्तूराराम मूंड परिवार द्वारा हजारों रुपए, कीमती वस्त्र और जेवरात भेंट किए गए।
*समारोह में उपस्थित प्रमुख लोग*
इस वंशावली वाचन समारोह में रमेश मूंड, हनुमान मूंड, बागाराम मूंड, आशुराम मूंड, देवाराम मूंड, ऊमाराम मूंड सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह आयोजन राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उदाहरण है, जो आधुनिकता के इस दौर में भी अपनी ऐतिहासिक विरासत को संभाले हुए है।