बंगाल की धरती पर गूंजें राजस्थानी लोक गीत

AYUSH ANTIMA
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कोलकाता : भारतीय भाषा परिषद के छोटे सभागार में भारत जैन महामंडल लेडिज विंग द्वारा राजस्थानी लोक गीतों का कार्यक्रम आयोजित किया गया। 11 जनवरी को शस्य श्यामला बगं भूमि पर भारत जैन महिला मंडल द्वारा आयोजित राजस्थानी लोक गीतों की मधुर गीत गंगा बही, ऐसा लग रहा था मानो बंगाल की धरती पर राजस्थान उतर आया हो। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में राजस्थान सूचना केंद्र के निदेशक हिंगलाज दान रतनू, सम्पादक विश्वंभर नेवर, साहित्य प्रेमी दुर्गा व्यास, हिन्दी प्रोफेसर डॉ.वसुंधरा मिश्र की गरिमामयी उपस्थिति रही। वरिष्ठ संपादक विश्वंभर नेवर और राजस्थान सूचना केंद्र के निदेशक ने अपना वक्तव्य रखा और राजस्थानी लोक गीत और वहां की समृद्ध परंपरा पर गर्व जताया। डॉ.वसुंधरा मिश्र ने बाई सा रा बीरा गीत गाकर राजस्थान के संबंधों को मीठा बताया। शिक्षाविद दुर्गा व्यास ने संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को राजस्थानी भाषा प्रेम का दीप जलाया कहकर प्रशंसा की। राजस्थानी गायिकाओं में मृदुला कोठारी, इंदु चांडक, संजु कोठारी, शशि कंकानी अतिथि महिला कलाकारों ने अपने कई परंपरागत हिचकी, बंगड़ी, प्रेम, विरह और श्रृंगार के लोकगीतों से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए और जोरदार रंग जमाया। भारत जैन महिला मंडल की बहनों सुमित्रा सेठिया, मंजु छाजेङ, चंदा प्रह्लादका, सुप्यार पुगलिया, मीना सोनी ... ने खुबसूरत राजस्थानी गीत प्रस्तुत किए। विलुप्त हो रही राजस्थानी भाषा, संस्कृति को जीवित रखने का बेमिसाल प्रयास किया। 
कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष चंदा गोलछा, सरोज भंसाली, कल्पना बाफना, अंजु बैद द्वारा नवकार मंत्रोच्चार के साथ गायन किया। जैन महामंडल लेडिज विंग कोलकाता की सदस्याओं में सुमित्रा सेठिया, सुप्यार पुगलिया, मीना सोनी, मंजु छाजेड ने राजस्थानी गीत गाए। अंजु सेठिया ने कार्यक्रम का संचालन राजस्थानी भाषा में किया। 
कार्यक्रम के पश्चात राजस्थानी केशरिया चाय और नाश्ते का सुन्दर प्रबंध किया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध विदूषी डॉ.राज्यश्री शुक्ला, साहित्य अकादमी के सदस्य रावेल पुष्प, बांग्ला लेखिका बेबी करनमा की गरिमामय उपस्थिति रही।

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