अलवर: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला एवं सेशन न्यायाधीश, अलवर हरेन्द्र सिंह के निर्देशानुसार 28 जनवरी को केन्द्रीय कारागृह का औचक निरीक्षण किया गया। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोहन लाल सोनी ने बताया निरीक्षण के दौरान कुल 931 बंदी निरूद्ध पाए गए, जिनमें से 596 विचाराधीन बंदी एवं 314 सजायाफ्ता बंदी तथा 21 महिला बंदीजन उपस्थित पाए गए। सोनी द्वारा कारागृह के वार्डों का निरीक्षण कर कारागृह में निरूद्ध बंदियों से वार्ता कर उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध में नालसा, नई दिल्ली द्वारा लागू की गई लीगल एड डिफेंस काउंसिल की स्कीम के बारे में विस्तार से बताया गया। सोनी द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करना किसी राज्य द्वारा बंदी पर अनुकंपा नहीं है अपितु यह संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकार है एवं नालसा की स्कीम के तहत नियुक्त किए गए लीगल एड डिफेंस काउंसिल ऐसे बंदी जो अत्यंत निर्धन है और स्वयं की पैरवी के लिए अधिवक्ता नियुक्त करने में सक्षम नहीं है, उनको निःशुल्क विधिक सहायता के तहत डिफेंस काउंसिल नियुक्त किया जाता है। ऐसे बंदीगण जिनके प्रकरणों में निःशुल्क विधिक सहायता के तहत अधिवक्ता नियुक्त है, उनसे उनके प्रकरणों में निःशुल्क अधिवक्ता द्वारा की जा रही पैरवी के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई। सोनी ने यह स्पष्ट किया यदि किन्ही कारणों से कोई बंदी अपना अधिवक्ता बदलवाना चाहता है तो वह कारागृह अधिकारी के माध्यम से संबंधित न्यायालय में अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर सकता है। निरीक्षण के दौरान केन्द्रीय कारागृह में लगी शिकायत पेटिका का का भी निरीक्षण किया गया, मौके पर शिकायत पेटिका लगी हुई पाई गई। निरीक्षण के दौरान जेलर रविन्द्र उपाध्याय द्वारा बताया गया कि कारागृह में सामान्यतः 1100 से अधिक बंदी निरूद्ध रहते हैं जबकि खैरथल-तिजारा एवं कोटपूतली-बहरोड़ नए जिले गठित होने के बाद अलवर जिले से बंदीयों को नए जिलों में भिजवाने तथा गंभीर रूप से बीमारी से ग्रस्त बंदियों को गार्ड उपलब्ध नहीं होने के बारे में बताया गया। इसके साथ ही डिटेंशन सेंटर वाले पुरूष एवं महिलाओं को लंबे समय से पुनर्वास के आदेश प्राप्त नहीं होना बताया। साथ ही कारागृह में निर्धारित पदों के अधिकारी व कर्मचारी के नियुक्त नहीं होने के संबंध में समस्या से अवगत करवाया गया। जिस पर सोनी द्वारा आवश्यक दिशानिर्देश प्रदान किए गए। निरीक्षण के दौरान विजिटर बुक में लंबे समय से इन्द्राज नहीं होना पाया गया, श्री सोनी द्वारा विजिटर बुक में निरीक्षण नोट अंकित किया गया। इसके अतिरिक्त सोनी द्वारा केन्द्रीय कारागृह में दी जा रही अन्य सुविधाओं के विषय में जानकारी प्राप्त की गई एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। सोनी द्वारा महिला वार्ड का भी निरीक्षण किया गया। महिला बंदियों से वार्ता की जाकर उनके प्रकरणों के विषय में जानकारी प्राप्त की गई। पूर्व में किए गए निरीक्षण के दौरान महिला बंदीजन द्वारा शिकायत पेटी नहीं होना बताया गया था जिस पर श्री सोनी द्वारा शिकायत पेटिका की जांच करने पर शिकायत पेटी लगी हुई पाई गई। निरीक्षण के दौरान मौके पर केन्द्रीय कारागृह अलवर के अधीक्षक शिवेंद्र कुमार शर्मा, जेलर रविन्द्र उपाध्याय तथा डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल, मुकेश शर्मा एवं असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल, संतराम उपस्थित रहे।
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