पिलानी : पिलानी के पास रायला गांव से करीब 45 गौवंश को तस्करों से मुक्त करवाने में गौ रक्षा दल, हिन्दू क्रान्ति सेना, झुंझुनूं गौ सांसद प्रवीण स्वामी व गौ विधायक अजीत जखोड़ा के प्रयासों को उस समय धक्का लगा, जब पिलानी गौशाला के संचालक ने उस गौवंश को कचरा बताकर लेने से मना कर दिया। तत्पश्चात गौ अधिनियम का हवाला देने के बाद काफ़ी जद्दोजेहद के बाद उस बेसहारा गौवंश को आसियाना दिया गया। इस प्रकरण को लेकर हमारे संवाददाता ने जब जिला गौसेवा समिति झुंझुनूं के प्रवक्ता व लीखवा गौशाला के अध्यक्ष कैलाश व्यास लीखवा से दूरभाष पर बातचीत की तो उन्होंने बताया कि पिलानी गौशाला के संचालक का उक्त गौवंश को लेने से मना करना गौवंश अधिनियम के नियमों के विरूद्ध आचरण में आता है। व्यास ने आगे कहा कि जब सरकार गौशाला संचालन की अनुमति देते समय गौशाला द्वारा एक एफिडेविट दिया जाता है कि तस्करों द्वारा मुक्त करवाए गये गौवंश को जब गौरक्षा दल व पुलिस प्रशासन द्वारा गौवंश में लाया जाएगा तो उसे लेने से इंकार नहीं किया जाएगा। इस विषय में जिला गौ सेवा समिति के अध्यक्ष ताराचंद भौड़कीवाला से बात होने पर इस मामले को लेकर अनभिज्ञता व्यक्त करते हुए बताया कि यदि गौवंश को लेने से मना किया गया है तो यह ग़लत किया है। लीखवा ने आगे कहा कि नियमानुसार पुलिस प्रशासन, गौरक्षा दल द्वारा मुक्त करवाए गये गौवंश को कोई भी गौशाला लेने से मना नहीं कर सकती क्योंकि गौशाला का संचालन बेसहारा गौवंश को आसियाना देने के लिए ही किया जाता है ।
3/related/default