गोविंदगढ़/अलवर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अलवर एवं तालुका विधिक सेवा समिति लक्ष्मणगढ़ एडीजे अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश गोपाल सैनी के निर्देश पर पंचायत समिति गोविंदगढ़ की ग्राम पंचायत खेड़ा महमूद में लड़कियों और महिलाओं के लिए महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के संरक्षण, घरेलू हिंसा अधिनियम, दहेज उत्पीड़न, संपत्ति अधिकार, विवाह कानून और शिक्षा के अधिकार पर कानूनी साक्षरता शिविर आयोजित हुआ। पीएलवी अनिल कुमार ने बताया कि नालसा के टोल फ्री राष्ट्रीय विधिक सहायता हेल्पलाइन नंबर 15100 पर विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 का उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है। पीड़ित महिलाओं को विधिक सहायता उपलब्ध कराना है। घरेलू हिंसा एक्ट की धारा 6 व 7 के अनुसार आश्रय और चिकित्सा सुविधा प्रभारी का दायित्व है कि स्वयं पीड़िता या सुरक्षा अधिकारी या उसकी ओर से सेवा प्रदाता के अनुरोध के आधार पर पीड़िता को आश्रय और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये। संपत्ति के अधिकार के प्रावधानों के तहत नागरिकों को संपत्ति अर्जित करने, धारण करने और निपटान करने के अधिकार की गारंटी दी तथा कानून के अधिकार के बिना संपत्ति से वंचित करने पर रोक लगा दी। 44वें संशोधन एक्ट में नया प्रावधान, अनुच्छेद 300-A शामिल किया गया, जिसने संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकार के बजाय विधिक अधिकार के रूप में स्वीकार किया। घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनयम, 2005 से
शारीरिक हिंसा, जैसे-थप्पड़ मारना, धक्का देना एवं पीटना।
यौन हिंसा जैसे- जबरन संभोग एवं अन्य रूप। भावनात्मक (मनोवैज्ञानिक) दुरुपयोग, जैसे- अपमान, विश्वासघात, निरंतर अपमान करना, डराना, नुकसान पहुँचाने की धमकी, बच्चों को दूर करने की धमकी देना। किसी व्यक्ति को उसके परिवार एवं दोस्तों से अलग करना, व्यक्ति के कही आने-जाने पर निगरानी रखना, उसके वित्तीय संसाधनों, रोज़गार, शिक्षा या चिकित्सा देखभाल तक पहुँच को प्रतिबंधित करना है। इस दौरान पीएलवी अनिल कुमार वीडीओ जफरुद्दीन, सरफुद्दीन साबिर, राजेश, संतोष, विद्या, निशा, ग्रामीण महिला और पुरुष मौजूद रहें।