भूमाफिया व अधिकारियों की साठगांठ से कृषि भूमि पर बेखौफ काटी जा रही है अवैध काॅलोनियां

AYUSH ANTIMA
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निवाई (लालचंद सैनी): इसे लापरवाही कहें या मिलीभगत, कारण कुछ भी हो लेकिन इससे नगर पालिका प्रशासन व तहसील प्रशासन की पोल जरूर खुल जाती है। ऐसा भी नहीं है कि अवैध कॉलोनियों की तहसील प्रशासन व नगर पालिका प्रशासन को जानकारी नहीं है। लोगों द्वारा लिखित में तहसील प्रशासन एवं नगर पालिका प्रशासन को शिकायत दी गई है, जिसकी प्रतिलिपि भी उनके पास रखी गई है, इसके बाद भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बताया जाता है कि खसरा नंबर 4538/2 व 4538/4 कृषि भूमि पर अवैध कालोनी विकसित की जा रही है, जिसकी शिकायत नगर पालिका प्रशासन एवं तहसील प्रशासन से की गई है लेकिन शिकायत के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी पद का दुरुपयोग करते हुए इन भूमाफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं। बताया जाता है कि इन कॉलोनियों में अधिकारियों एवं राजनेताओं की भी हिस्सेदारी होती है, इसलिए यह इन भूमाफियाओं को मौन स्वीकृति दे रखे हैं। इसके साथ ही यहां पर 4538/1 सिवाय चक भूमि है, जो भी अवैध कॉलोनी में शामिल कर ली गई है, इसकी शिकायत पूर्व में भी तहसीलदार से की जा चुकी है लेकिन सरकारी जमीन की सुरक्षा भी नहीं की जा रही है। लोगो ने आरोप लगाया कि तहसीलदार एवं पटवारी द्वारा इन भूमाफियाओं को इतनी छूट इसलिए दी जाती है कि उनकी भी हिस्सेदारी उसमें शामिल होती है। भूमाफियाओं द्वारा शनिवार को भी बेखौफ कृषि भूमि पर मिट्टी की रोड बनाने का कार्य धड़ल्ले से किया गया। क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है कि शिकायत के बाद भी इन कॉलोनियो पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है तो जहां शिकायत नहीं होती है, वहां तो कार्यवाही करना संभव ही नहीं है। लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि कार्यवाही भी उन कॉलोनियों पर ही की जाती है, जो कॉलोनाइजर इन अधिकारियों से शुभ लाभ की बात नहीं करता है। शुभ लाभ की बात होने पर उन कॉलोनियों पर भी कार्यवाही बंद कर दी जाती है।

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