जब से राजस्थान में भाजपा सरकार आई है, झुन्झुनू भाजपा विधायक और भाजपा प्रत्याशी अनुशंसा के रोग से ग्रसित नजर आ रहे हैं। विदित हो बजट घोषणा में जो वित्तिय प्रावधान लिए है, उनकी स्वीकृति तो निश्चित रूप से निकलेगी पर ज्यों ही जयपुर से स्वीकृति पत्र जारी होता है, उसको ऐसे लपकते है जैसे किसी बाज ने कबूतर को दबोच लिया हो तत्पश्चात सोशल मीडिया पर विकास पुरूष के बखान के साथ यह महिमा मंडित किया जाता है कि यह कार्य उनकी अनुशंसा पर स्वीकृत हुए हैं। बजट प्रावधान में लिए गये कार्य करवाना सरकार की प्राथमिकता होती है और यह रूटीन कार्य भी है और यदि जनहित के कोई कार्य सरकार द्वारा अनुमोदित होते हैं तो यह आमजन पर अहसान नहीं है क्योंकि जनता ने उन्हें चुनकर भी इसलिए भेजा है। विगत कई वर्षों से झुंझुनू में ओवर ब्रिज मुंह बाए खड़ा था। चुनावों में इस बात को लेकर भाजपा ने बहुत प्रचारित किया कि गहलोत सरकार ने पैसे नहीं दिए, इसलिए यह निर्माण अधूरा है क्योंकि कांग्रेस सरकार जिले का विकास नहीं चाहती है लेकिन इस बात का खुलासा झुन्झुनू सांसद के लोकसभा में उठाए गए प्रश्न से हुआ कि रेलवे ने अपने हिस्से का बजट नहीं दिया, इसके साथ ही यह ब्रिज चार लेन का बनेगा। इसको लेकर रेलवे राज्य मंत्री केंद्र सरकार ने सांसद बृजेंद्र ओला को पत्र द्वारा अवगत करवा दिया कि जल्द ही रेलवे अपने हिस्से का बजट जारी कर देगा, इससे उक्त ब्रिज के पूरा होने का रास्ता साफ हो गया। सूत्रों की मानें तो ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही जिस फर्म को इस कार्य करने का ठेका मिला है, सरकार की तरफ से वर्क आर्डर भी जारी हो चुका है लेकिन जैसे ही यह बात सोशल मिडिया में आई झुन्झुनू विधायक ने सोशल मिडिया पर उसी अनुशंसा रोग से ग्रसित पोस्ट डाल दी। विदित हो यह मामला केंद्र सरकार के विशेषाधिकार में था और वहां केवल और केवल सांसद की ही अनुशंसा चलती है न कि विधायक की। भाजपा के विधायक और विधायक प्रत्याशी अनुशंसा के रोग से इतने ग्रसित हो चुके हैं कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जिले के मंड्रेला कस्बे में पधार रहे हैं और यदि उस आमसभा में कुंभाराम लिफ्ट परियोजना या यमुना नहर को लेकर कोई बड़ी घोषणा करते हैं तो यही अनुशंसा वाला उवाच बहुत से नेताओं से सुनने को मिलेगा।
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