नागपुर: मुंबई के फिल्म नगरी में बहुचर्चित फिल्म कलाकार प्रताप वर्मा अपने जीवन के 74वें वर्ष में भी पूरी आत्मीयता व ऊर्जा के साथ फिल्म और टेलीविजन की दुनिया सक्रिय हैं। हाल ही में उनकी फिल्म सिहरन की शूटिंग मध्य प्रदेश के शहर बालाघाट में संपन्न हुई। यह फिल्म हॉरर और सस्पेंस थ्रिलर है, जिसे ओएम भंडाय फिल्म्स के बैनर तले मनीष वर्मा के डायरेक्शन में बनाया गया है। यह फिल्म दर्शकों को रोमांच और रहस्य से भरपूर अनुभव देने वाली है। फिल्म के प्रमुख कलाकारों में मनीष वर्मा, प्रियांशु महापात्रा के साथ प्रताप वर्मा ने विशेष भूमिका निभाई। इस फिल्म की कहानी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आधारित है। फिल्म में भूत-प्रेत की गतिविधियों के बीच रहस्यमयी घटनाओं को पिरोया गया है। फिल्म सिहरन के निर्देशक मनीष वर्मा ने बताया कि इस फिल्म का मुख्य आकर्षण सच्ची घटनाओं पर आधारित हॉरर ड्रामा है। फिल्म 2025 के अंत तक 200 सिनेमाघरों में रिलीज़ होने की संभावना है। प्रताप वर्मा ने अपने अभिनय जीवन में सलमान खान के साथ भारत, ओएमजी 2, असुर 2, /कश्मीर द फाइनल रिसोलूशन/बालाकोट/कल्पतरु/घर चलो ना पापा/मैरिज धमाल/राम प्रसाद बिस्मिल सुपरहिट फिल्मों में अहम भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने छोटे-छोटे रोल से शुरुआत की और आज तकरीबन 150 टीवी सीरियल्स व चार बड़ी फिल्मों में काम कर चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी वे अपनी नई ऊर्जा और नए उत्साह से लगातार काम कर रहे हैं। वरिष्ठ कलाकार प्रताप वर्मा कहते हैं कि "मुझे अपने अभिनय से लोगों का मनोरंजन करना अच्छा लगता है। हर बार मैं यह कोशिश करता हूँ कि नए कलाकारों को भी अवसर मिले और उन्हें मार्गदर्शन भी मिले।"
वे मानते हैं कि आने वाला समय नए कलाकारों के लिए प्रेरणादायक होगा और इस फिल्म सिहरन के ज़रिए दर्शकों को एक नया अनुभव मिलेगा।
*लेखक और निर्देशक मनीष वर्मा पर विशेष*
सिहरन के निर्देशक मनीष वर्मा न केवल इस फिल्म के क्रिएटिव दिमाग हैं, बल्कि इसके लेखक भी हैं। वे बचपन से ही लेखन और निर्देशन की ओर आकर्षित रहे हैं। मनीष वर्मा की पहचान ऐसे फिल्मकार के रूप में हो रही है, जो सच्ची घटनाओं और सामाजिक सरोकारों को सिनेमा की भाषा में प्रस्तुत करते हैं।
उन्होंने इस फिल्म में नक्सल प्रभावित इलाकों की भयावह वास्तविकता और लोक मानस में व्याप्त डर को एक रोमांचक और थ्रिलर अंदाज में दिखाने का प्रयास किया है। उनका मानना है कि दर्शकों को केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि सोचने का एक नया दृष्टिकोण भी मिलना चाहिए। मनीष वर्मा आगे भी कई सामाजिक और समकालीन मुद्दों पर फिल्में बनाने की योजना में हैं। सिहरन उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिससे उन्होंने निर्देशन और लेखन दोनों में अपनी पहचान मजबूत की है।