चिड़ावा (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): पास के अरडावता गांव के 28 वर्षीय सैनिक अमित बुडानिया का मंगलवार को उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। दिवाली की छुट्टियों में घर आए अमित का 5 अक्टूबर की रात उदयपुरवाटी के पास सड़क हादसे में निधन हो गया था। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और “अमित बुडानिया अमर रहें” के नारों से पूरा आसमान गूंज उठा। अमित वर्ष 2020 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे और बेंगलुरु के रिकॉर्ड ऑफिस में तैनात थे। हादसे के समय वे एक समारोह से लौट रहे थे। गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें पहले सीकर और फिर जयपुर के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 7 अक्टूबर की देर शाम उन्होंने अंतिम सांस ली। डेढ़ साल पहले ही उनके पिता दारा सिंह, जो स्वयं सेना से सेवानिवृत्त थे, का निधन हो गया था। अमित अपने पिता के इकलौते बेटे थे और परिवार का सहारा थे। अंतिम संस्कार के दौरान उनकी मां संतोष देवी बार-बार बेहोश होती रहीं, जबकि पत्नी भावना और बहन पूजा का रो-रोकर बुरा हाल था।
वीर सपूत को श्रद्धांजलि देने के लिए झांझोत से अरडावता तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। जयपुर मिलिट्री स्टेशन की यूनिट ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। चिता को मुखाग्नि उनके चाचा के बेटे ललित कुमार ने दी। इस दौरान जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़, भाजपा जिला महामंत्री राजेश दहिया, सरजीत ओला, पूर्व सैनिक सेवा परिषद अध्यक्ष रामनिवास थाकन सहित कई पूर्व सैनिक, जनप्रतिनिधि और सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।