दिल्ली/संभल: भारत के मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब, जो कभी फैशन इंडस्ट्री में ‘ब्रांड आइकन’ माने जाते थे, आज करोड़ों की ठगी के आरोपों से घिरे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने उनके खिलाफ 20 से अधिक FIRs दर्ज की हैं, और लुकआउट नोटिस जारी किया गया है ताकि वे देश से बाहर न जा सकें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मामला केवल एक फ्रेंचाइज़ विवाद नहीं, बल्कि मल्टी-लेवल इन्वेस्टमेंट और क्रिप्टो स्कैम से जुड़ा बताया जा रहा है।
*मामले की शुरुआत: निवेश में 70% मुनाफे का लालच*
नवभारत टाइम्स और टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, हबीब और उनके सहयोगियों ने कई निवेशकों को यह कहकर जोड़ा कि उनके ब्यूटी एवं हेयर केयर नेटवर्क में निवेश करने पर उन्हें 70 प्रतिशत तक मुनाफा मिलेगा। इन्वेस्टमेंट योजनाओं के प्रचार में “ग्लोबल एक्सपेंशन” और “FLC (Follicle Global Company)” जैसी टर्म्स का उपयोग किया गया लेकिन कुछ महीनों बाद न निवेशकों को रिटर्न मिला, न वादे पूरे हुए।
जब निवेशक पैसा मांगने पहुँचे — धमकाने और टालने के आरोप सामने आए।
*20 से अधिक मुकदमे, लुकआउट नोटिस जारी*
संभल पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि यह नेटवर्क कई शहरों में सक्रिय था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 100 से अधिक लोगों ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई है, जिनसे 5 से 7 करोड़ रुपये तक वसूले गए थे। इस बीच, पुलिस ने जावेद हबीब, उनकी पत्नी और बेटे अनोस हबीब के खिलाफ भी लुकआउट नोटिस जारी किया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स ने पुष्टि की है कि यह मामला क्रिप्टो स्कैम मॉडल जैसा दिखता है, जहां “डिजिटल निवेश” के नाम पर धन एकत्र किया गया।
हालांकि हबीब के वकील ने बयान दिया है कि उनका “FLC” कंपनी से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है और वे “झूठे आरोपों” का सामना कर रहे हैं।
*कानूनी पक्ष और वकील का बयान*
वकील के अनुसार, जावेद हबीब “Follicle Global Company” या किसी वित्तीय इकाई से जुड़े नहीं हैं।
उनका कहना है कि उनके नाम और ब्रांड का दुरुपयोग हुआ है, जबकि असली ठग नेटवर्क ने उनके नाम से निवेश जुटाया। इस बयान के बावजूद, मीडिया रिपोर्टें बताती हैं कि कई लेनदेन में “हबीब नेटवर्क” के नाम और उनके ब्रांड की वैध मुहरें मौजूद थीं — जिससे मामला और उलझा हुआ प्रतीत होता है।
*सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: ‘आइकन से इल्ज़ाम तक’*
सोशल मीडिया पर यह मामला तीव्र गति से वायरल हुआ है।
कई यूज़र्स ने लिखा — “जिस इंसान ने ब्यूटी इंडस्ट्री को ग्लैमरस बनाया, वही अब कानून की गिरफ्त में है।” वहीं, कुछ लोग इसे मीडिया ट्रायल करार दे रहे हैं, और कहते हैं कि “अदालत का निर्णय आने से पहले किसी को दोषी ठहराना अनुचित है।”
*क्रिप्टो नेटवर्क और ‘डिजिटल ठगी’ का पैटर्न*
विशेषज्ञों के अनुसार, यह केस एक बड़े पैमाने पर “सेलिब्रिटी-आधारित ब्रांडिंग फ्रॉड” का उदाहरण हो सकता है। देशभर में पिछले दो वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ प्रसिद्ध चेहरों या ब्रांडों का उपयोग कर निवेशकों को डिजिटल ठगी योजनाओं में फंसाया गया। हबीब केस की विशेषता यह है कि इसमें “क्रिप्टो निवेश”, “फ्रेंचाइज़ रिटर्न”, और “पर्सनल इंफ्लुएंस” तीनों पहलू एक साथ जुड़ते हैं।
*ग्लैमर के पीछे का ग्रे सच*
जावेद हबीब भारतीय ब्यूटी और फैशन इंडस्ट्री के प्रतिष्ठित नाम रहे हैं। उनका ब्रांड एक समय भारत के 100 से अधिक शहरों में संचालित होता था लेकिन अब वही ब्रांड न्यायिक जांच के घेरे में है। यह केस केवल एक व्यक्ति या ब्रांड की प्रतिष्ठा का नहीं, बल्कि यह सवाल उठाता है कि सेलिब्रिटी इमेज का इस्तेमाल कर लोगों का भरोसा कैसे तोड़ा जाता है। जांच जारी है और सच अदालत में तय होगा पर यह निश्चित है कि यह घटना भारत के निवेश, फ्रेंचाइज़ और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट मॉडल के लिए एक चेतावनी है।