निवाई (लालचंद सैनी): शहर सहित ग्रामीण क्षेत्र में जलझूलनी एकादशी का त्यौहार उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर भगवान की डोल यात्रा निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर धर्म लाभ कमाया। डोल एकादशी महापर्व को लेकर दोपहर 4 बजे भगवान चारभुजानाथ मंदिर, नृसिंह मंदिर, सुनारों का मंदिर, दर्जियों का मंदिर, भगवान सत्यनारायण मंदिर, भट्ट जी का मंदिर, श्रीराम लक्ष्मण मंदिर व लक्ष्मीनाथ मंदिर सहित शहर के कई मंदिरों से बैंड बाजे के साथ भगवान के विमान भव्य शोभा यात्रा के साथ रवाना हुए। डोल यात्रा मार्ग में श्रद्धालुओं ने भगवान की विमानों के नीचे से निकलकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया और फल व मुद्रा चढ़ाई। शोभायात्रा का जगह-जगह पर श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा करके एवं आरती करके स्वागत किया गया। डोल यात्रा में महिलाएं भजन गाती हुई चल रही थी। वहीं युवा डीजे के भजनों की धुनों पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। ठाकुरजी के सभी विमानों को लेकर श्रद्धालु मेला स्थल भरकुंआ तालाब पहुंचे, जहां भगवान के विमानों को विराजित किया गया। सूर्यास्त के पश्चात भगवान की सामूहिक महाआरती उतारकर विद्वान पंडितों के सानिध्य में विमान में विराजमान भगवान को तालाब में विशेष सजी-धजी नौकाओं में भव्य जल यात्रा करवाई। इस दौरान गायक कलाकारों द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। मेला स्थल पर लगी खिलौने, गुब्बारे, मिठाईयां, चाट, पकौडी सहित कई खाद्य पदार्थों की दुकानों पर महिलाओं, बच्चों एवं पुरुषों ने जमकर स्वाद का लुत्फ उठाया। इसके बाद ठाकुरजी के विमान वापस निज मंदिर पहुंचे। मेले में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के जवान तैनात रहे। नगर पालिका द्वारा मेले में लोगों की सुविधाओं के लिए टेंट, पार्किंग, पेयजल व लाईट सहित संपूर्ण व्यवस्थाएं की गई। सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ की टीम भी तैनात रही।
3/related/default