हर्षोल्लास से मनाया गया राष्ट्रनायक वीर दुर्गादास राठौड़ जयंती समारोह

AYUSH ANTIMA
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श्रीडूंगरगढ़/बीकानेर (तोलाराम मारू): सौभाग्य से इंसान बनते है और परम सौभाग्य से क्षत्रिय बनते है, ऐसे में इस क्षात्र धर्म को सार्थक करना है। हमारा जीवन ही इतिहास बनाता है, आज जैसा जीवन जिएंगे, उस पर ही हमारी आने वाली पीढ़ियों को सम्मान मिलेगा। आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देनी है, इसलिए उठो, जागो, संगठित बनो और इस युग को स्वर्णिम बनाओ। हमारा दायित्व है कि सनातन धर्म की, भारत माता की जय जयकार हो। ये ओजस्वी वक्तव्य तारातरा मठ के महंत व पोकरण विधायक प्रतापपुरी जी महाराज ने दिया और मौका था श्रीक्षत्रिय युवक संघ प्रांत श्रीडूंगरगढ़ द्वारा श्रीरघुकुल राजपूत छात्रावास परिसर में आयोजित राष्ट्रनायक वीर दुर्गादास जयंती समारोह का। स्वामी जी ने ना रूकने, ना झुकने, ना बिकने और ना ही बंटने की प्रेरणा देते हुए एक होकर जय-जयकार करवाने का संकल्प उपस्थित जनसमूह को दिलवाया। उन्होंने कहा वैचारिक क्रांति का समय है, जिसमें राष्ट्रभक्ति, समाज हित के
सांस्कृतिक विचार हो। समारोह में मुख्य वक्ता संघ प्रमुख 
लक्ष्मण सिंह बेण्याकाबास ने कहा कि इतिहास वीर
दुर्गादास राठौड़ का दाता, शूरवीर या सिर्फ स्वामी भक्ति के नाते नहीं बल्कि क्षत्रिय होने के लिए सम्मान करता है। राजपूत एक जाति है और क्षत्रिय बनना पड़ता है। क्षत्रिय के गुण शूरवीरता, तेज, धैर्य, दक्षता, युद्ध परायण, दान व ईश्वरीय भाव की निरंतर साधना से गुणों का विस्तार होगा तभी क्षत्रिय बनना संभव है। आज के युवा महापुरूषों से प्रेरणा लेवें और क्षत्रिय बनकर जीवन को सार्थक करें। उन्होंने कहा कि जो मान बिंदुओं के लिए गर्दन कटाते थे, वे क्षत्रिय देवता बन गए, अब वैसी जरूरतें नहीं पर ईश्वरीय भाव से पुरूषार्थ करें। जाति या वर्ण में नहीं बंटकर क्षात्र धर्म का वरण करें, वही क्षत्रिय है और इसी से क्षत्रिय युवक संघ का निर्माण होता है। इस दौरान विश्वकर्मा कौशल बोर्ड के अध्यक्ष राज्यमंत्री रामगोपाल सुथार ने वीर दुर्गादास राठौड़ से प्रेरणा लेकर देश और समाज के प्रति स्वामी भक्ति रखने की बात कही। वरिष्ठ स्वंयसेवक जोरावर सिंह भादला ने संघ के माध्यम से मातृशक्ति को सक्रिय होने की बात कही। उन्होंने कहा कि माता ही निर्माता है। उन्होंने ऐतिहासिक उदाहरण देते हुए दुर्गादास जी के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन बीकानेर संभाग प्रमुख रेवंत सिंह जाखासर ने किया। समारोह की शुरूआत वीर दुर्गादास राठौड़ के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व पूजन
से हुई। गणेश वंदना संदीप सिंह पुन्दलसर ने करवाई, इसके पश्चात संघ प्रार्थना की गई व तस्वीर के समक्ष उपस्थित अतिथियों द्वारा माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। भागीरथ सिंह सेरूणा ने पूज्य तनसिंह जी रचित 'मेरे वीर दुर्गादास' गीत का गायन किया, उपस्थित वक्ताओं ने ओजस्वी विचार प्रस्तुत किए और बड़ी संख्या में विभिन्न जाति व वर्ग के लोग समारोह में शामिल हुए। सभी ने राष्ट्रनायक वीर दुर्गादास राठौड़ को इतिहास पुरूष बताते हुए उनके गुणों से प्रेरणा लेने की बात कही।
समारोह में संघ के बीकानेर प्रांत प्रमुख जुगल सिंह बेलासर, नोखा व कोलायत प्रांत प्रमुख राजेन्द्र सिंह आलसर, वरिष्ठ स्वयंसेवक उम्मेद सिंह सुलताना, हड़वंतसिंह आशापुरा, श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन से विक्रम सिंह सत्तासर, यशवंत सिंह मिंगसरिया, श्रीडूंगरगढ़ प्रांत प्रमुख जेठूसिंह पुन्दलसर अपने सभी सहयोगियों सहित उपस्थित रहें। समारोह में पालिकाध्यक्ष मानमल शर्मा, भाजपा ओबीसी मोर्चा के देहात जिलाध्यक्ष विनोद गिरी गुंसाई, पूर्व प्रधान छैलूसिंह शेखावत, एडवोकेट भरत सिंह राठौड़, विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष जगदीश स्वामी, सेवादल कांग्रेस के संभाग प्रभारी विमल भाटी, तुलसीराम चौरड़िया, सत्यनारायण स्वामी, एडवोकेट रणवीर सिंह खीची, महावीर माली, श्याम सुंदर स्वामी, नत्थूनाथ मंडा, साहित्यकार श्याम महर्षि, एडवोकेट सत्यनारायण प्रजापत, थानमल भाटी, सोहनलाल ओझा, शिव तावनियां, श्याम सुंदर पुरोहित, भाजपा जिला मंत्री भरत सुथार, पार्षद लोकेश गौड़, पृथ्वीसिंह राजपुरोहित, पूर्व सरपंच समुद्र सिंह धीरदेसर, रतनसिंह केऊ, सरपंच प्रतिनिधि एडवोकेट रणवीर सिंह सेरुना, विक्रम सिंह शेखावत, भंवर सिंह झंझेऊ, भंवर सिंह जोधासर, अगरसिंह कोटासर, नारायण मोट, अरूण पारीक, भंवरलाल बाना सहित विभिन्न जाति वर्ग के बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

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