राष्ट्रीय शिक्षा संवाद में सिंघानिया विश्वविद्यालय के शीर्ष पदाधिकारियों की दमदार उपस्थिति

AYUSH ANTIMA
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झुंझुनू (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): सिंघानिया विश्वविद्यालय ने एक बार फिर भारत की शिक्षा व्यवस्था को आकार देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित किया है। विश्वविद्यालय के नेतृत्व को देश के दो प्रतिष्ठित मंचों इलेट्स एजुकेशन समिट और सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) एजुकेशन समिट में वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया। सिंघानिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.मनोज कुमार (सेवानिवृत्त आईएएस) और उपाध्यक्ष सुनील कुमार सोबती ने अकादमिक, उद्योग और नीति जगत के शीर्ष पदाधिकारियों के साथ मिलकर भारत में शिक्षा के भविष्य पर अपने विचार साझा किए। इलेट्स एजुकेशन समिट में डॉ.कुमार और सोबती ने उद्योग–अकादमिक सहयोग को मज़बूत करने, विश्वविद्यालयों को अनुसंधान, नवाचार और रोजगारपरक शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यह भी बताया कि सिंघानिया विश्वविद्यालय का उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक कौशल और नैतिक मूल्यों से भी संपन्न करना है ताकि वे बदलते विश्व में सफल हो सकें। सीआईआई एजुकेशन समिट में डॉ. मनोज कुमार ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन, वैश्विक सहयोग और कौशल विकास की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आश्वस्त किया कि सिंघानिया विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, राष्ट्रीय कौशल विकास पहल और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन सम्मेलनों में सिंघानिया विश्वविद्यालय के शीर्ष पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी इस तथ्य को रेखांकित करती है कि विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण, नवाचार-आधारित और रोजगारपरक शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाते हुए राष्ट्रीय शिक्षा संवाद में अग्रणी योगदान दे रहा है।

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