अलवर (ब्यूरो): लगातार पिछले 5 दिनों से अलवर जिले का सबसे बड़ा लक्खी मेला भगवान जगन्नाथ जी रथ यात्रा, जगदीश जी और मैया जानकी के विवाह के साथ संपन्न हो गया। भगवान जगन्नाथ शाम 6 बजे मैया जानकी को ब्याह कर अलवर के स्थानीय रूपबास स्थित रुपहरि मंदिर से सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर पहुंचे। विदाई का मंजर जहां एक ओर खुशी का था तो वही विदाई की बेला में कई श्रद्धालु भाव-विभोर भी दिखाई दे रहे थे। इससे एक दिन पूर्व भगवान जगन्नाथ और मैया जानकी का वरमाला महोत्सव सम्पन्न हुआ, जो कि केवल जिले में ही नहीं बल्कि देशभर में प्रसिद्ध है। मंदिर के महंत शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि यह मेला लगभग पिछले 167 वर्ष से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। वही महंत परिवार के सदस्य धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रतिवर्ष होने वाले इस लक्खी मेले में अलवर से ही नहीं बल्कि भारत वर्ष से श्रद्धालु शिरकत करते हैं।मैया जानकी जी की डोली इंद्र विमान में विदा होने के बाद जगमगाती लाइट और फूलों से सजी भगवान जगन्नाथ और जानकी मैया की झांकी सहसा ही श्रद्धालुओं का मन मोह रही थी। प्रतिवर्ष अलवर में लगने वाले सबसे बड़े भगवान जगन्नाथ जी के मेले में न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश से श्रद्धालुओं का भगवान जगन्नाथ और मैया जानकी के दर्शन करने आने का सिलसिला लगातार 5 दिनों तक जारी रहता है। जगन्नाथ जी 5 दिन पूर्व भगवान जगदीश माता जानकी को ब्याहने के लिए इंद्र विमान में सवार होकर अलवर के रूप स्थित रूप हरि मंदिर पहुंचे थे। मंदिर कमेटी के सेवादार संजीव गुप्ता ने बताया कि मेले के दौरान पूरे 5 दिन प्रशासन का भी मंदिर कमेटी को पूरा सहयोग मिला। लगातार पिछले चार दिनों से लक्खी मेले में देखने लायक दृश्य थे, जिसमें न केवल राजस्थान से बल्कि देशभर से श्रद्धालुओं का भगवान के दर्शन करने के लिए तांता लगा रहा। बिल्कुल यही भीडभाड का आलम मंदिर से बाहर लगी हुई दुकानों और झूले वालों सहित तरह-तरह के खिलौने और धार्मिक वस्तुएं बेचने वाले दुकानदार के यहां भी देखने को मिला। प्रशासनिक अमला पूरी तरह से चाक-चोबंद रहा और श्रद्धालुओं ने जगदीश जी और माता जानकी के दर्शन बडी ही सहजता से किये। वहीं के राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और देश के कई राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से मेले को और अधिक सांस्कृतिक और रंगारंग बना दिया। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित होने वाले जगन्नाथ जी मेले के दौरान वर्ष भर में केवल 5 दिन बूढ़े जगन्नाथ जी के दर्शन अलवर के सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ जी के मंदिर पर श्रद्धालुओं को होते हैं। बूढ़े जगन्नाथ जी भगवान जगन्नाथ का अचल विग्रह है, जो पूरे साल सुभाष चौक स्थित जगन्नाथ मंदिर में स्थापित रहते है लेकिन इसमें खास बात यह है कि इनके दर्शन साल में केवल 5 दिन ही भक्तों को होते हैं। वहीं प्रतिवर्ष होने वाली रथ यात्रा में अचल विग्रह को लाया जाता है। बहरहाल, शहर में होने वाले इस पांच दिवसीय जगन्नाथ और जानकी मैया के विवाह उत्सव में पूरे शहर विवाह उत्सव का माहौल में डूबा रहता है इसमें कोई दो राय नहीं है।
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