निवाई (लालचंद सैनी): सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में अष्टान्न्हिका पर्व को लेकर सेठ छिगनलाल कपूरचंद काला बपूई वालों के चैत्यालय में श्रेष्ठी शिखरचंद जस्टिस नरेंद्र कुमार सुरेश कुमार अजीत कुमार जैन काला द्वारा सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ किया गया। जैन धर्म प्रचारक विमल पाटनी जौंला व सुनिल भाणजा ने बताया कि सिद्ध चक्र महामंडल विधान अनुष्ठान को लेकर सर्वप्रथम सोधर्म इंद्र के साथ सभी श्रद्धालुओं ने भगवान चंद्र प्रभु की शांतिधारा के साथ कलशाभिषेक किया। विधानाचार्य पंडित सुरेश कुमार शास्त्री द्वारा मंत्रोच्चार के साथ ध्वजारोहण की क्रिया संपन्न करवाई। जिसमें गाजे बाजे के साथ शिखरचंद, जस्टिस नरेंद्र कुमार, सुरेश कुमार, अजीत कुमार व नितिन जैन काला ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने बताया कि 11 जुलाई तक श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान की संगीत से विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। विधान को लेकर जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन काला को सौधर्म इंद्र बनाया गया। यज्ञ नायक शिखर चंद काला, धनपति कुबेर सुरेश कुमार काला, इशान इंद्र अजीत कुमार काला, सानत कुमार व इंद्र महावीर गोधा जयपुर को बनाया गया। गुरुवार को विधान में सकलीकरण इंद्र प्रतिष्ठा मंडप प्रतिष्ठा आचार्य निमंत्रण भूमि शुद्धि कलश अभिषेक शांति धारा विधानाचार्य के प्रवचन संगीतकार रविंद्र एंड पार्टी द्वारा भजनों की प्रस्तुतियां दी गई एवं 11 जुलाई को विश्व शांति महायज्ञ के साथ हवन पूर्णाहुति का आयोजन किया जाएगा। विधान से पूर्व मधु जैन, मंजू जैन, लीला जैन, काला द्वारा अंकुरा रोपण की क्रिया की गई। इस दौरान विधान में मौजूद सभी श्रद्धालुओं ने मूलनायक भगवान चंद्र प्रभु के समक्ष श्रीफल अर्घ्य चढ़ाकर आशीर्वाद लिया। विधान मंडप पर सोधर्म इंद्र व सच्ची इंद्राणी द्वारा मंडप पर आठ श्रीफल अर्घ्य चढ़ाए गए। जस्टिस नरेंद्र कुमार जैन ने कहा कि अष्टानिहका पर्व में मैना सुंदरी ने श्रीपालजी आदि 700 रोगियों के कुष्ठ रोग निवारण के लिए सिद्धचक्र विधान किया था। उन्होंने कहा कि सिद्धचक्र विधान में अनंत सिद्ध परमेष्ठी की आराधना की जाती है। इसलिए सिद्ध चक्र विधान में मंडप पर कुल 2040 अर्घ्य चढ़ाए जाते हैं। इस अवसर पर प्रेमचंद सोगानी, विमल पाटनी, ज्ञानचंद सोगानी, राजेश जौंला, रिंकू झांझरी, रमेश संघी, विजय टोंगया, त्रिलोक हरभगतपुरा, पदम पराणा, पवन सांवलिया, महावीर प्रसाद छाबड़ा, विमल सोगानी, पदमचंद टोंग्या, नरेश हथौना, त्रिलोक रजवास, धर्मचंद सेदरिया, शकुंतला छाबड़ा, संजू जौंला, मंजू जैन, अनिता छाबड़ा, विजया टोंग्या व मुन्नीदेवी सोगानी सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।
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