ऋतु शोधन कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में पंचकर्म विभाग द्वारा निःशुल्क बस्ति कर्म शिविर का शुभारंभ

AYUSH ANTIMA
By -
0


जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय, जयपुर के पंचकर्म विभाग द्वारा वर्षा ऋतु में शरीर की शुद्धि, वात दोषों के शमन एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि हेतु “ऋतु शोधन कार्यक्रम” के अंतर्गत 11 जुलाई 2025 से 19 अगस्त 2025 तक निःशुल्क बस्ति कर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस विशेष शिविर का शुभारंभ 08 जुलाई, मंगलवार को संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा एवं आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के सलाहकार कौस्तुभ उपाध्याय ने किया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो.संजीव शर्मा ने बताया कि संस्थान द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा की जन-जागरूकता एवं जन-स्वास्थ्य संवर्धन हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है। पंचकर्म विभाग द्वारा आयोजित यह बस्ति कर्म शिविर, जनसामान्य को आयुर्वेद चिकित्सा के प्रभावी लाभ प्रदान करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। पंचकर्म विभागाध्यक्ष डॉ.गोपेश मंगल ने बताया कि बस्ति कर्म, पंचकर्म चिकित्सा की एक प्रमुख एवं प्रभावशाली विधि है, जो विशेष रूप से वर्षा ऋतु में अत्यंत प्रभावकारी मानी जाती है। यह चिकित्सा शरीर की शुद्धि, वात दोष के शमन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह क्रिया आंतों की सफाई का प्राकृतिक व आयुर्वेदिक तरीका है। बस्ति कर्म चिकित्सा से हमें कई स्वास्थ्य के लाभ होते है। जिनमें मुख्यत: वात दोष में नियंत्रण, पाचन तंत्र की सफाई, कब्ज, जोड़ों के दर्द, लकवा, वातरोग, गठिया, कमरदर्द आदि में लाभकारी, रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) में वृद्धि, त्वचा रोग, मानसिक विकार, नाड़ी विकार आदि में सहायक होता है। वर्षा ऋतु को बस्ति कर्म के लिए सर्वश्रेष्ठ ऋतु माना गया है, क्योंकि इस समय वात दोष प्रबल होता है और शरीर को शुद्ध करने की आवश्यकता होती है। बस्ति कर्म न केवल रोग निवारण का माध्यम है, बल्कि यह रोगों की रोकथाम एवं संपूर्ण स्वास्थ्य रक्षा की एक सशक्त आयुर्वेदिक प्रणाली है। यह चिकित्सा केवल योग्य आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में ही करवाई जानी चाहिए। इस शिविर में आयुर्वेद चिकित्सकों की देखरेख में रोगियों को निःशुल्क परामर्श एवं चिकित्सा प्रदान की जाएगी। संस्था द्वारा अधिक से अधिक लोगों से इस आयुर्वेदिक उपचार का लाभ उठाने की अपील की गई है। इस अवसर पर डॉ.किरण, डॉ.वैभव, डॉ.मिलिंद के साथ संस्थान के कार्यकारी परिषद् (ईसी) के सदस्यगण उपस्थित रहे।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!