जयपुर (राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला): राजधानी जयपुर के आमेर क्षेत्र स्थित रुंडल गांव, जिसे लोक मान्यता में भगवान परशुराम की तपोभूमि और जन्मस्थली माना जाता है, को धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर घोषित करने की मांग जोर पकड़ रही है। मंगलवार को भगवान परशुराम तपोभूमि तीर्थस्थल उत्थान समिति और विप्र इंडिया वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नाम एक ज्ञापन भेजा गया, जिसमें इस ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित धरोहर का दर्जा देने की मांग की गई। ज्ञापन का नेतृत्व संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल शर्मा ‘भारती’ द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि रुंडल गांव में आज भी भगवान परशुराम से जुड़े कई पुरातात्विक और आध्यात्मिक स्थल मौजूद हैं, जिनमें उनका तपोस्थल, परशुराम कुण्ड और प्राचीन मंदिर शामिल हैं। ये स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि पर्यावरण और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ज्ञापन में चिंता जताई गई कि हाल ही में इस पवित्र स्थल पर सरकारी मशीनरी द्वारा किए जा रहे भारी उत्खनन और खनन कार्यों के कारण न सिर्फ क्षेत्र की पवित्रता और पुरातात्विक धरोहरों को क्षति हो रही है, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन भी गहराता जा रहा है। इस पर नाराजगी जताते हुए समिति ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि रुंडल गांव को भगवान परशुराम की आधिकारिक तपोभूमि के रूप में मान्यता दी जाए और इस क्षेत्र को राज्य संरक्षित धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर घोषित किया जाए। अनिल शर्मा ‘भारती’ ने कहा कि भगवान परशुराम सिर्फ ब्राह्मण समाज के नहीं, बल्कि पूरे भारतीय समाज के लिए धर्म, शक्ति और ज्ञान के प्रतीक हैं। उनकी तपोभूमि की रक्षा करना सभी का सांस्कृतिक कर्तव्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार इस दिशा में शीघ्र कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो जन आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।
भगवान परशुराम की तपोभूमि रुंडल को धरोहर घोषित करने की उठी मांग, मुख्यमंत्री को भेजा गया ज्ञापन
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July 16, 2025
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