संयुक्त अभिभावक संघ की मांग सरकार और प्रशासन स्कूलों में सर्तकता बरतने को लेकर जारी करे गाइडलाइन

AYUSH ANTIMA
By -
0


जयपुर (श्रीराम इंदौरिया): जून माह के 19 दिन पूर्ण हो चुके है, अब मात्र 11 दिन बचे है, ऐसे स्कूलों का नया सत्र भी 25 जून से प्रारंभ होना शुरू हो जायेंगे। अब ऐसे अभिभावकों की चिंता भी लगातार बढ़ती जा रही है, क्योंकि पिछले 15 दिनों से प्रतिदिन राजधानी जयपुर सहित संपूर्ण भारत में कोरोना के नए वैरियंट के सैकड़ों केस लगातार आ रहे है, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान तक गवानी पड़ गई है। इन सबके बावजूद न केंद्र सरकार ने कोई गाइडलाइन जारी की है और ना ही राज्य सरकार कोरोना के नए वैरियंट को लेकर गंभीरता दिखा रही है, प्रदेश में लगभग 25 जून से स्कूल खुलना प्रारंभ हो जाएंगे, राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने स्कूलों और विद्यार्थियों तक के लिए कोई सुरक्षित गाइडलाइन जारी नहीं की है। ऐसे में संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार और शिक्षा विभाग से स्कूलों के खुलने से पहले विद्यार्थियों की सुरक्षित वातावरण देने के लिए स्कूलों को सतर्कता बरतने की सख्त गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि पूरा देश कोरोना महामारी का विध्वंश देख चुका है कि कैसे वर्ष 2020 में कोरोना के प्रत्येक केस पर सतर्कता बरती जा रही थी, 6 माह तक देश के नागरिकों को घरों में खुद को कैद कर सुरक्षित रखना पड़ रहा था, सारे काम ऑनलाइन हो गए थे, स्कूलों तक को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने पर आना पड़ गया था किंतु विगत 15 दिनों से जयपुर सहित पूरे देश में कोरोना का नया वैरियंट लगातार पांव पसार रहा है। ऐसी स्थिति के बावजूद किसी भी प्रकार की गाइडलाइन जारी नहीं करना केंद्र और सरकार की लापरवाही बरतने का परिणाम होगा, जिसका भुगतान पूरे देश को करना पड़ सकता है। केंद्र और राज्य सरकार सहित संपूर्ण प्रशासन अभिभावक है, जो अपने कर्तव्यों से लगातार विमुख होता जा रहा है किंतु लगातार बढ़ते मामले और अभिभावकों चिंता को ध्यान ने रखकर सरकार को भी अपने अभिभावक होने की भूमिका निभानी चाहिए और कम से कम विद्यार्थियों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण के लिए स्कूलों के खुलने से पूर्व सख्त गाइडलाइन जारी करनी चाहिए। बिट्टू ने कहा कि अब प्रदेश में मानसून का दौर भी यथाशीघ्र प्रारंभ होने वाला है, जिसके चलते ना केवल कोरोना का नया वैरियंट और अधिक फैल सकता है बल्कि मानसून के चलते डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, सर्दी, बुखार, खांसी, जुकाम इत्यादि का भी खतरा अधिक रहता है, जो कोरोना के लक्षणों से मेल खाते है। इसलिए राज्य सरकार और प्रशासन को स्कूलों के खुलने से पहले सचेत होना चाहिए और विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए समय पूर्व गाइडलाइन जारी करनी चाहिए, 15 दिनों पहले मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, जयपुर जिलाधीश, मुख्य शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर मांग भी की गई थी किंतु आज दिनांक तक भी सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई, अगर स्कूलों में एक भी विद्यार्थी पर अगर संकट आया तो उसकी जिम्मेदार राजस्थान सरकार, शिक्षा विभाग और प्रदेश का प्रशासन होगा।

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!