निवाई (लालचंद सैनी): झूलेलाल धर्मशाला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथावाचक पुष्करदास महाराज के द्वारा चल रही संगीतमय भागवत कथा में छठे दिन टोंक के तुलसीदास महाराज ने कहा कि कथा भी एक गंगा की तरह है। इसमें जो भी डुबकी लगाएंगे, वो भव से पार हो जाएंगे। महाराज ने कहा कि यशोदा, नंदबाबा के घर जब परमानंद आया तो उन्होंने सब कुछ लुटाया क्योंकि उनके घर सच्चिदानंद स्वरूप खुद ईश्वर पधारे थे। उन्होंने कहा कि सत्संग में कुछ भी मत करो तो भी फायदा है और कुसंगत में कुछ भी ना करो तो भी नुकसान है। उन्होंने बताया कि गो का मतलब इंद्रियों व वर्धन का मतलब बढऩा है। अंत में सभी भक्तों को 56 भोग करवाया। महिलाओं ने हाथ खड़े करके गिरिराज धारण के जयकारे लगाए। कथा में रास लीला का वर्णन किया। कथा में रूक्मणी विवाह के प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया गया। इस दौरान कृष्ण रुक्मणी की सुंदर झांकी सजाई गई। कथा में दादू दयाल गौशाला आश्रम के प्रमुख संत प्रकाशदास महाराज ने भजनों की प्रस्तुति दी। श्रद्धालु सोनू फुलवानी ने बताया कि 7 दिवसीय संगीतमय कथा की पूर्णाहुति रविवार दोपहर 3 बजे होगी।
कथा गंगा की तरह है, इसमें जो भी डुबकी लगाएंगे वो भव से पार हो जाएंगे: पुष्करदास महाराज
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June 21, 2025
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